परमात्मा से जुड़ाव के लिए इंद्रियों पर नियंत्रण जरूरी – स्वामी परमानंद
नेहा वर्मा, संपादक ।
हमीरपुर जनपद में राठ नगर के पनवाड़ी मार्ग स्थित अखंड परम धाम आश्रम में विराट भक्ति योग वेदांत संत सम्मेलन आयोजित किया गया। युग पुरुष श्री श्री 1008 स्वामी परमानंद जी महाराज के सानिध्य में आयोजित संत सम्मेलन में देश के कोने कोने से महान संत पहुंचे। सत्संग में संत व गुरु की महत्ता वर्णन करने के साथ ही भगवत प्राप्ति का मार्ग बताया।
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युग पुरुष श्री श्री 1008 स्वामी परमानंद जी ने इंद्रियां संसार के रस में उलझीं रहतीं हैं। स्वामी परमानंद ने कहा कि आत्मा को परमात्मा से जोड़ने के लिए इंद्रियों को काम, क्रोध, मद, लोभ से परे रखना होगा। ध्यान साधना के बारे में प्रयोगात्मक विस्तृत विवेचना की। गोपालनंद ने कहा कि संतों का सानिध्य भाग्य से मिलता है। जब मनुष्य माया से दूर हो जाता है तो उसे भगवान प्राप्त हो जाते हैं।
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विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष रामदत्त पाडेय ने गुरु चरण रज की महिमा का बखान किया। कहा कि महाराज दशरथ को गुरु कृपा से चार पुत्रों के रूप में अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष प्राप्त हुए। अमृतसर से आए संत राजेश्वरानंद ने कहा परमात्मा की कृपा से मनुष्य स्वर्ग को प्राप्त होता है। संचालन स्वामी चिदानंद जी महाराज ने किया।
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इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष पंडित राकेश मिश्रा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मातादीन द्विवेदी, विधायक प्रतिनिधि भरत अनुरागी, सत्य प्रकाश बुधौलिया, नंदराम राजपूत, सतेंद्र सिंह, विनोद द्विवेदी, समिति के अध्यक्ष रविंद्र अग्रवाल, महामंत्री घनश्यामदास साहू, कामता प्रसाद, राजू बबेले आदि मौजूद रहे।