उत्तर प्रदेशराज्यहमीरपुर

COVID-19; ऑक्सीजन की कमी महसूस हो रही, पेट के बल लेट जाइए

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नेहा वर्मा, संपादक ।

 

★ 94 से कम हुआ ऑक्सीजन का स्तर, तो 94 पेट के बल लेटने की होगी जरूरत
★ सीधे लेटने की जगह दायें एवं बाएं करवट सोएं, मिल सकती है राहत
★ गर्भवती महिलाएं, हृदय एवं स्पाइन रोगी पेट के बल सोने से करें परहेज

 

कोरोना संक्रमण के बीच ऑक्सीजन की कमी विकराल समस्या बनती जा रही है। कोरोना के मरीजों को इस समस्या से जूझना पड़ रहा है। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को शरीर में ऑक्सीजन की कमी से अस्पताल जाना पड़ता है। डॉक्टर बताते हैं कि मरीज अपने सोने की स्थिति में मामूली बदलाव कर ऑक्सीजन की कमी को पूरा कर सकते हैं। जिससे उनके सामने कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न न होने पाए।

 

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कोविड-19 के हमीरपुर जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ.एमके बल्लभ ने बताया कि यदि किसी कोरोना पॉजिटिव को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो एवं ऑक्सीजन लेवल 94 से घट गया हो तो ऐसे लोगों को पेट के बल सोने की सलाह दी गई है। इसके लिए सबसे पहले वह पेट के बल लेटें, एक तकिया अपने गर्दन के नीचे रखें, एक या दो तकिया छाती के नीचे रख लें एवं दो तकिया पैर के टखने के नीचे रखें। इस तरह से 30 मिनट से दो घंटे तक सो सकते हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस बात पर भी विशेष जोर दिया है कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की तापमान की जांच, ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन के स्तर की जांच, ब्लड प्रेशर एवं शुगर की नियमित जांच होनी चाहिए ।

 

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इन चार पोजीशन में सोना है लाभदायक

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए सोने की चार पोजीशन को महत्वपूर्ण बताया है, जिसमें 30 मिनट से दो घंटे तक पेट के बल सोने, 30 मिनट से दो घंटे तक बाएं करवट, 30 मिनट से दो घंटे तक दाएं करवट एवं 30 मिनट से दो घंटे तक दोनों पैर सीधाकर पीठ को किसी जगह टिकाकर बैठने की सलाह दी गई है। यद्यपि, मंत्रालय ने प्रत्येक पोजीशन में 30 मिनट से अधिक समय तक नहीं रहने की भी सलाह दी है ।

 

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पेट के बल लेटने में इन बातों का रखें ध्यान

खाने के एक घंटे तक पेट के बल सोने से परहेज करें, पेट के बल जितना देर आसानी से सो सकतें हैं, उतना ही सोने का प्रयास करें। तकिए को इस तरह रखें जिससे सोने में आसानी हो। गर्भावस्था के दौरान वेनस थ्रोम्बोसिस (नसों में खून के बहाव को लेकर कोई समस्या) गंभीर हृदय रोग में स्पाइन, फीमर एवं पेल्विक फ्रैक्चर की स्थिति में पेट के बल नहीं सोना चाहिए।

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