राठ जिला, रेलवे लाइन, यूनीवर्सिटी- सिर्फ झुनझुना थमा कर चले जाते हैं नेता
माधव द्विवेदी, प्रधान संपादक ।
● विकास से कोसों दूर है हमीरपुर जनपद का राठ क्षेत्र
● राठ को जिला बनाने व रेलवे लाइन की उठती रही है मांग
राठ की जनता को प्रदेश व देश के बड़े नेताओं से विकास के नाम पर सिर्फ झुनझुना मिलता है। बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह द्वारा दिया गया रेलवे लाइन का झुनझुना अभी तक बजाया जा रहा है। वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आठ साल पूर्व बीएनवी डिग्री कालेज को विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने का वादा किया था। मुख्यमंत्री रहते हुए अपना वादा पूरा नहीं कर पाए और एक बार फिर जनता को विश्वविद्यालय का झुनझुना थमा कर चले गए।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी प्रत्याशी चंद्रवती वर्मा के समर्थन में सोमवार को बीएनवी डिग्री कालेज के मैदान पर जनसभा को संबोधित किया। जहां उन्होंने प्रदेश में सपा की सरकार बनने पर ब्रम्हानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय को विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने की घोषणा की। आप को बतादें कि मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में 24 अप्रैल 2014 को बीएनवी डिग्री कालेज के इसी मैदान पर जनसभा को संबोधित किया था।
उस वक्त भी तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंच से राठ को जिला व बीएनवी डिग्री कालेज को विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की थी। घोषणा के तीन साल तक मुख्यमंत्री रहने के बावजूद न राठ जिला बनाया व बीएनवी को यूनिवर्सिटी। विधानसभा चुनाव में एक बार फिर यूनिवर्सिटी का झुनझुना पकड़ा गए। वहीं जनता द्वारा राठ जिले की आवाज उठाने पर सपा अध्यक्ष ने अनसुना कर दिया। किन्तु हमारी जनता जनार्दन इस कदर धैर्यवान है कि इन नेताओं के झुनझुने पांच साल बजाने के बाद अगले चुनाव में फिर से नया झुनझुना थाम लेती है।
बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जनता द्वारा मांग करने पर रेलवे लाइन का झुनझुना पकड़ा दिया था। उन्होंने कहा था कि रेल हवा में नहीं चलती। प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार जमीन नहीं दे रही है। अमितशाह ने मंच से घोषणा की थी कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर राठ को रेलवे लाइन से जोड़ा जाएगा। भाजपा के राष्ट्रीय नेता का यह वादा भी चुनावी झुनझुना साबित हुआ। प्रदेश सरकार का पांच साल का कार्यकाल निकलने के बाद भी रेलवे लाइन का कहीं अतापता नहीं है।
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