पेंसिल बनी मौत की वजह, राठ में छह साल की मासूम ने गंवाई जान
पेंसिल बनी मौत की वजह/Pencil became the reason for the death of the girl child
नेहा वर्मा, संपादक ।
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जनपद में 6 साल की बच्ची की मौत का कारण बनी पेंसिल। “पेंसिल बनी मौत की वजह” । सुन कर विश्वास नहीं हो रहा होगा पर हकीकत यही है। वजह जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान। मासूम छात्रा अपने भाई बहन के साथ बैठ कर होमवर्क कर रही थी। तभी पेंसिल के साथ कुछ ऐसा हुआ, कि उसे अपनी जान गंवानी पड़ी। आइए हम आप को पूरे मामले से अवगत कराते हैं।
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कक्षा 1 की छात्रा थी मृतक बच्ची
पेंसिल बनी मौत की वजह घटना है राठ कोतवाली क्षेत्र के पहाड़ी गढ़ी गांव की। बुधवार शाम गांव के नंदकिशोर का पुत्र अभिषेक (12), पुत्रियां अंशिका (8) व अर्तिका (6) छत पर पढ़ाई कर रहीं थीं। तीनों बच्चे स्कूल में मिला होमवर्क कर रहे थे। वहीं परिजन अपने दैनिक कामकाज में व्यस्त थे। इनमें सबसे छोटी बच्ची अर्तिका गांव के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1 की छात्रा थी।
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होमवर्क करते समय हुआ हादसा
होमवर्क करने के लिए अर्तिका कटर मुंह में दबा कर, पेंसिल छील रहीं थीं। बस छह साल की बच्ची की मौत का कारण बन गयी यह पेंसिल। पेंसिल का छिलका मुंह में जाकर स्वांस नली में फंस गया। मासूम जमीन पर गिरकर तड़पने लगी। परिजन सीएचसी लेकर पहुंचे। जहां डॉ सत्येंद्र यादव ने मृत घोषित कर दिया। मृतका गांव के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1 की छात्रा थी। मां अनीता का रो रो कर बुरा हाल है।
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बच्चों की आदतों पर नजर रखें अभिभावक
अक्सर यह देखा जाता है कि बच्चे डॉट, पेन व पेंसिल का प्रयोग बहुत लापरवाही से करते हैं। इसे मामूली बात समझ कर अभिभावक कोई खास ध्यान नहीं देते। पर यह जरा जरा सी चीजें भी बच्चों के लिए घातक साबित होतीं हैं। पेन और पेंसिल की नोक असावधानी की स्थिति में बच्चों की आंखों व अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकतीं हैं। बेड पर पड़ी पेंसिल अथवा पेन भी जानलेवा साबित होता है, जब अनजाने में बच्चा उन पर गिर जाता है।
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कुछ भी मुंह में डालने से रोकें
बच्चों की आदत हर चीज को मुंह में डालने की होती है। फिर चाहे वह मिट्टी, कंकड़ हो अथवा पेन पेंसिल। यह सभी आदतें जानलेवा भी बन सकतीं हैं। वहीं अनेक बच्चे ऐसे देखे होंगे जो लेट कर खाना-पानी करने लगते हैं। अभिभावक सोच भी नहीं सकते यह आदतें कितनी घातक साबित हो सकतीं हैं। लेट कर खाने से भोजन के कण स्वांस नली में फंस सकते हैं। जिससे बच्चे की जान भी चली जाती है। ऐसी घटनाएं रोकने के लिए बच्चों की हर गतिविधि पर ध्यान रखना व उन्हें रोकटोक करना आवश्यक है।
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