जो दुनियां के लिए जीता है, वह किसी एक का नहीं हो सकता, उससे कभी उम्मीद मत करो
विराट न्यूज नेशन
अकसर लोगों को शिकायत होती है कि वह तो अपने प्यार के प्रति समर्पित हैं। अपने प्यार के लिए उनके दिल मे चाहत का असीम भंडार है। दिन रात उसी के बारे में सोचते हैं। दूर रहते हुए भी अपना हर पल उसी के साथ गुजारते हैं। किंतु वह उन्हें अपना नहीं मानती है। वह आप की भावनाओं की कद्र नहीं करती है। वह सब के बाद आप के बारे में सोचती है। ऐसे में आप क्या चाहते हैं। जब वह आप से खुल कर ही कह दे तभी आप सुधरेंगे। जब वह आप को उसकी जिंदगी में आप की औकात दिखा रही है, तब भी आप को कुछ समझ नहीं आ रहा। आप हर बार अपने प्यार को जलील कराने के बाद भी उससे उम्मीद रखते हैं। यदी ऐसा है तो यह आप की भूल है, उसने तो आप को हर पल एहसास कराया है न।
हम बताते हैं कुछ ऐसी आदतों के बारे में, जिन इंसानों में यह आदतें हों वह किसी एक के होकर नहीं रह सकते हैं। जिस इंसान को बहुतों से बात करने की आदत हो, वह कभी किसी एक का होकर नहीं रह सकता। खुद को सामाजिक कह कर वह अपनी इस आदत को जस्टिफाईड करता है। जो इंसान अपना दर्द सभी को बताने लगे, उससे भी किसी एक के लिए समर्पित होने की उम्मीद बेमानी है। जो इंसान आप को दर्द में छोड़ कर दूसरों में खुशी तलाश करे, क्या वह कभी भी आप का होगा। उसे सजने संवरने का शौक है। उसे खुद को आकर्षक दिखाने का शौक है। पर जो आप को गम के सागर में छोड़ कर सज संवर सकती है। जो आप को तड़पता हुआ छोड़ कर दुनियां को अपना आकर्षण दिखाने में खुशी महसूस करे। अपने दिल से पूँछिये, क्या ऐसा व्यक्ति कभी किसी एक का होकर रह सकता है। आप के साथ रहना भी उसे पसंद है। क्योंकि आप से उसे चाहत का सैलाब मिलता है। पर उसे दुनियां की तबज्जो व तारीफ की भी दरकार है। यही उसकी असल जिंदगी और ख्वाहिश है। आप का अकेला प्यार उसकी तमन्ना पूरी नहीं कर सकता कभी भी।
जब आप की असीम चाहत उसे आप मे न समेट पाए। जब आप के दिल का दरिया उसकी प्यास न बुझा पाए। जब वह आप के लिए न जी कर दुनियां के लिए जीना चाहे। जब आप के दर्द, आप के जख्मों का एहसास न कर वह दुनियां में अपनी खुशी तलाशे। इस परिस्थिति में आप को उसे अपने प्यार से आजादी देनी ही होगी। जिस परिंदे को हर साख पर बैठने की आदत हो उसे आप कैसे अपने दिल के पिंजरे में कैद कर सकते हैं। में यह नहीं कह रहा कि आप उसे अपने दिल मे कैद कर कोई गलती कर रहे हैं। जब प्यार सच्चा होता है, तब इंसान सब कुछ छोड़ कर सिर्फ एक व्यक्ति का हो जाता है। उसके लिए सारी दुनिया से पहले उसका प्यार होता है। वह हर बात अपने प्यार के लिए करता है, दुनियां का दिखावा उसके लिए कोई मायने नहीं रखता। क्योंकि उसकी पूरी दुनियां सिर्फ एक इंसान बन जाता है। पर आप सामने वाले कि आदत कैसे बदलेंगे। वह भी तब जब उसे आप से ज्यादा दुनियां की परवाह हो। जब वह आप के लिए नहीं दुनियां की तारीफ बटोरने के लिए सज संवर कर निकले।
जो इन्सान आप को तड़पता देख कर भी खुद आईने के सामने बैठ कर सज संवर लेता है, जो आप को अकेला छोड़ कर दुनियां में खुशी समेटने निकल पड़े, उससे आप क्या उम्मीद रखते हैं और कब तक उम्मीद रखेंगे। यह सच है कि आप उसे नहीं छोड़ेंगे। कोशिस तो बहुत की होगी आप ने उससे दूर जाने की। पर क्या आप कभी सफल हो पाए। फिर कोई कोशिस भी मत कीजिये। क्योंकि आप जितना उससे दूर जाना चाहेंगे उतना ही टूटते चले जायेंगे। आप उसके बिना नहीं जी सकते, यह आप भी जानते हैं। पर सच्चाई यह भी है कि वह आप को अपने साथ भी नहीं जीने देगी। फिर सवाल उठता है कि ऐसी परिस्थिति में क्या करना चाहिए। मेरा मानना है कि जिसे आप का प्यार नहीं बदल पाया उससे उम्मीद खत्म कर देनी चाहिए। छोड़ दो उसे खुले आसमान में पतंग की तरह उड़ने के लिए। पतंग आसमान में कितनी भी ऊंची उड़ान भर ले, पर यह आसमान उसका कभी नहीं होता। जब वह पतंग कट कर या गिर कर जमीन पर वापस आए (जो उसकी नियति है) तब आप बैठे ही हैं उसे सम्भाल कर फिर से ऊंची उड़ान भरने लायक बनाने के लिए। यही आप की नियति है, यही आप की हकीकत है।