बुंदेलखंड की तपती धरती में हरे पेड़ों पर चल रही लकड़ी माफियाओं की आरी
नेहा वर्मा, संपादक ।
Hamirpur News : बुंदेलखंड के विभिन्न जिलों में 46 डिग्री पारे के बीच आसमान से आग बरस रही है। पर्यावरण संतुलन बिगड़ने पर लोग गर्मी से बेहाल हैं। वहीं दूसरी ओर लकड़ी माफिया हरे भरे पेड़ों पर आरी चलाकर पर्यावरण संतुलन को बिगाड़ने में कोई कसर नही छोड़ रहे। प्रतिदिन सैकड़ों टन हरी लकड़ी ट्रकों में लादकर बाहर भेजी जा रही है।
राठ निवासी बुंदेली लेखक डॉ दृगपाल सिंह लोधी कहते हैं बुंदेलखंड समेत कई शहरों का तापमान 45 डिग्री पार हुआ है। पेड़ों की कटान इसी तरह होती रही तो तापमान 50 डिग्री पार कर सकता है। कहा संबंधित अधिकारियों को इसका संज्ञान लेना चाहिए।
बिगड़ते पर्यावरण संतुलन को देखते हुए सरकार पौधा रोपण पर जोर दे रही है। जिसके लिए प्रत्येक वर्ष अभियान चलाकर पौधारोपण पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। पौधा रोपण में रिकार्ड बनाए जाते हैं। वहीं लकड़ी माफिया हरे भरे पेड़ काट कर शासन की मनसा के साथ ही पर्यावरण को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।
श्रीराम सेवा समिति के अध्यक्ष सुनील नगायच ने कहा पेड़ों की कटान से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। जिसका नतीजा भीषण गर्मी, सूखा, बेमोसम बारिश के रूप में सभी को भुगतना पड़ रहा है। कहा पेड़ों की कटान पर तत्काल रोक लगाई जाए।
इस समय राठ क्षेत्र में लकड़ी माफिया सक्रिय हैं। ग्रामीण क्षेत्र में खेतों की मेड़ पर लगे हरे पेड़ों को आरा चलाकर धरासाई किया जा रहा है। यह माफिया शहर में बाहरी इलाकों में डंप बनाए हैं। जहां ग्रामीण क्षेत्र से लकड़ी ट्रैक्टर ट्राली पर लाद कर लाई जाती है। वहीं डंप से प्रतिदिन सैकड़ों टन लकड़ी ट्रकों पर लादकर बाहर बेचने के लिए भेजी जा रही है।
मौन साधना केंद्र रोहनियां मंदिर राठ के संचालक नीलू महाराज कहते हैं पेड़ पौधे मानसून को आकर्षित करते हैं जिससे अच्छी वर्षा होती है। पेड़ों की कटान से प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है। जिसका नतीजा सूखा, अतिवृष्टि आदि प्राकृतिक आपदा के रूप में देखी जा सकती है।
बुंदेली लेखक डॉ द्रगपाल सिंह लोधी, मौन साधना केंद्र के संचालक नीलू महाराज, पियूष सोनी, धर्मेंद्र सिंह, ब्रजभान सिंह राजपूत, रामपाल राजपूत जराखर, मईयादीन साहू, कृष्ण कुमार बंटी आदि ने पेड़ों की कटान पर रोक लगाने की मांग की है। कहा हरे पेड़ों की कटान से पर्यावरण को खतरा बढ़ रहा है। जिसका नतीजा सभी को भुगतना पड़ेगा।