60 लाख नगद मिलने पर भी नहीं मिटी दहेज की भूख तो बहू को घर से निकाला
नेहा वर्मा, संपादक ।
दहेज वह दानव है जिसकी भूख सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती जाती है। बेटी का अच्छा भविष्य बनाने की ललक कहें अथवा अपनी शानोशौकत दिखाने की चाह, एक पिता कर्ज लेकर भरपूर दहेज का इंतजाम करता है। किंतु यह नहीं समझता कि वह अपनी बेटी के लिए वर चुन नहीं रहा बल्कि खरीद रहा है। और खरीद कर दी हुई खुशियां ज्यादा दिन तक नहीं टिकतीं।
ऐसा ही एक मामला दर्ज हुआ है हमीरपुर जनपद की राठ कोतवाली में। उक्त मामले में भी बेटी की खुशियां खरीदने में पिता 40 लाख का कर्जदार हो गया। फिर भी कर्ज लेकर खरीदी गयीं खुशियां उसकी बेटी की जिंदगी में दूसरी विदा तक नहीं ठहरीं। राठ कोतवाली क्षेत्र के मलौहामाफ गांव निवासी पारुल गिरी ने बताया कि 18 जुलाई 2021 को उनकी शादी अलीगढ़ निवासी नितिन भारती के साथ हुई थी। उसके पिता भी बेटी के भविष्य को लेकर बेफिक्र हो गए था।
पारुल के पिता ने तिलक में 40 लाख, टीका में 10 लाख, वरीक्षा में 10 लाख रुपये, कार व जेवरात दिए थे। वहीं दान दहेज का तो कोई हिसाब ही नहीं है। राठ के एक विवाह घर से धूमधाम से विवाह समारोह सम्पन्न हुआ। विदाई के बाद पारुल सुनहरे भविष्य के सपने बुनते हुए डोली में बैठ अपने पिया के घर चली गयी। नए घर में सुरुआत ठीकठाक रही। ससुरालियों का उसके प्रति व्यवहार ठीकठाक ही था।
लेकिन पारुल की यह खुशियां ज्यादा दिन तक नहीं टिकीं। दूसरी विदा के बाद ही दहेज के भूखे ससुरालियों ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। ससुराली थार गाड़ी लेने के लिए बीस लाख की मांग करने लगे। मांग पूरी न होने पर उनके साथ मारपीट करते थे। डरा धमका कर कुछ सादा कागजातों पर उनके हस्ताक्षर करा लिए। जिसके बाद उन्हें मारपीट कर घर से निकाल दिया। तभी से पिता के घर पर रहतीं हैं। ससुराली उनके पति की दूसरी शादी की धमकी दे रहे हैं। पीड़िता ने कोतवाली में ससुरालियों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया है।