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हमीरपुर; एंटी करप्शन टीम ने लेखपाल को किसान से रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा

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नेहा वर्मा, संपादक ।

 

काम के बदले सरकार से सैलरी मिलने के बावजूद कर्मचारियों का रिश्वत के बिना पेट नहीं भरता। रिश्वतखोरी पर समय समय पर कार्रवाई होने के बावजूद इन कर्मचारियों को कोई भय नहीं है। हमीरपुर जनपद में एंटी करप्शन टीम ने एक बार फिर रिश्वतखोरी को बेनकाब करते हुए एक लेखपाल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। खेत मे आवागमन के लिए पुलिया बनानी की स्वीकृति दिलाने के नाम पर लेखपाल किसान से रिश्वत ले रहा था।

 

औंता गांव के किसान मयंक राजपूत ने बताया कि पिता राधाकिशुन के नाम पर औंता मौजा में कृषि भूमि है। जिसमें आवागमन के लिए पुलिया निर्माण करा रहे थे। लेखपाल रमाशंकर ने निर्माण कार्य रुकवा दिया। अधिकारियों को प्रार्थनापत्र देने पर मामले की जांच उक्त लेखपाल को सौंपी गई। मयंक का आरोप है कि लेखपाल ने स्वीकृति दिलाने के नाम पर 35 हजार रुपये रिश्वत की मांग की। काफी गिड़गिड़ाने पर लेखपाल तीस हजार में मान गया। 15 हजार अभी व 15 हजार कुछ दिन में देने पर बात बनी।

 

 

किसान ने बताया कि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे शिक्षक संगठन यूटा के प्रदेश कोषाध्यक्ष विजय पटेल से संपर्क किया। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की झांसी इकाई में शिकायत दर्ज कराई। संगठनों की पहल पर एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार देर शाम लेखपाल को 15 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। टीम उन्हें पकड़ कर कोतवाली ले गई है। जहां बंद कमरे में पूंछतांछ की जा रही है। कोतवाल राजेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि एंटी करप्शन टीम ने लेखपाल को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। टीम लेखपाल से पूंछतांछ कर रही है।

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