हमीरपुर; रसूखदारों के हाथ की कठपुतली बनता जा रहा आतंक का पर्याय बिच्छू गैंग
माधव द्विवेदी, प्रधान संपादक।
हमीरपुर जनपद के सरीला व राठ क्षेत्र में बिच्छू गैंग का आतंक बढ़ता जा रहा है। बिगत छह माह पूर्व चिकासी थाना क्षेत्र के कुछ गांवों में आतंक मचाने के बाद अब बिच्छू गैंग की गतिविधियां सरीला क्षेत्र में बढ़ गईं हैं। इस गैंग में अधिकांश युवा व किशोर होने से रसूखदार लोग इन्हें अपना मोहरा बना कर उल्लू सीधा कर रहे हैं। इन रसूखदारों के हाथों की कठपुतली बनकर बिच्छू गैंग के युवा व किशोर अपने भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
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इस समय बिच्छू गैग के सदस्यों का मनोबल चरम पर है। बताया यहां तक जाता है कि यदि किसी ने उनके किसी सदस्य की बाइक भी छू ली तो उसकी शामत आने से कोई नहीं रोक सकता। आम आदमी को यह पता नही रहता कि कौन युवा अथवा किशोर बिच्छू गैंग का सदस्य है। पंप पर पेट्रोल डलवाने के बाद, शादी विवाह आदि में बात बात पर झगड़ना और मारपीट करना इनके लिए आम बात है। मामूली विवाद में दर्जनों बाइकर्स उत्पात मचाने के लिए प्रकट हो जाते हैं। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र में 2 से तीन हजार रूपये में अवैध तमंचे भी इन्हें आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
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करीब दो वर्ष पूर्व दर्जनों बाइक पर हो हल्ला करते हुए किशोर व युवाओं को देख किसी ने सोचा भी नहीं था कि आगे चल कर यह युवा जोश बिच्छू गैंग के नाम से अपनी पहचान बना लेगा। शुरूआत में इस गैंग का काम एक दूसरे के लड़ाई झगड़ों में सहयोग करना था। इसमें अधिकांश किशोर व बेरोजगार युवा शामिल हैं। गैंग के किसी भी सदस्य का विवाद होने पर पलक झपकते ही दर्जनों बाइक सवार युवा हाथों में हाॅकी डंडे व तमंचे लेकर मारपीट करने पहुंच जाते थे। एक दूसरे के लिए मदद की भावना देख इस गैंग की जड़े गहरी होतीं गईं। यदि जनचर्चाओं पर विश्वास किया जाए तो आज हर गांव में इस गैंग के सदस्य मिल जाएंगे।
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करीब छह माह पूर्व क्षेत्र के सिकरौध, बंगरा आदि गांवों में आए दिन होने वाली मारपीट व फायरिंग की घटनाओं के बाद यह गैंग चर्चा में आया। खासियत यह है कि इस गैंग ने आज तक अपनी कोई अलग से पहचान नहीं बनाई है। जिससे इसके सदस्यों के बारे में जानकारी करना टेढ़ी खीर है। सरीला क्षेत्र में बीते एक माह में हुई मारपीट की पड़ी बारदातों में भी बिच्छू गैंग का नाम सामने आ रहा है। मामूली बात में मारपीट के लिए आमादा हो जाने वाले उतावले युवाओं को देख कर यह गैंग रसूखदार लोगों की पसंद बनता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में अपना बर्चस्व बनाने के लिए ऐसे लोग इस गैंग का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं।
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रसूखदार लोगों का वरदहस्त मिलने से इस गैंग के हौसले और बुलंद हो गए। बेरोजगारों की जेब में मंहगे मोबाइल, बाइक में पेट्रोल, अवैध असलहा व मंहगे शौक काफी कुछ कह जाते हैं। वहीं पुलिस का इस ओर ध्यान न देना भी कहीं न कहीं इस सब में ताकतवर लोगों के शामिल होने की ओर इशारा कर रहा है। जब इस संबंध में सरीला सीओ विवके यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी बिच्छू गैंग की कोई जानकारी नहीं है। इसके बारे में सुनने में जरूर आ रहा है। उन्होंने कहा कि बिच्छू गैंग के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। यदि इस तरह की कोई गैंग मिलती है तो उस पर सख्त कार्रवाई करेंगे।
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