क्षेत्रीयहमीरपुर

देवी देवता बलि नहीं मांगते, जीभ के स्वाद के लिए बनाईं कुरीतियां

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नेहा वर्मा, संपादक ।

 

Shrimad Bhagwat Katha; The deities do not ask for the sacrifice of animals and birds, the evils made for the taste of the tongue
राठ के जलविहार में भागवत कथा सुनते श्रद्धालु

 

हमीरपुर जनपद के राठ नगर में जलविहार मंच पर चल रहे श्रीमद भागवत महापुराण में शुक्रवार को कथा व्यास आचार्य गोपेश जी महाराज ने बलि प्रथा पर जोरदार प्रहार किया। वहीं भगवान श्रीकृष्ण जन्म, श्रीराम कथा व समुद्र मंथन की कथा का रसपान कराया। कथा पंडाल में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह मनाया गया।

 

 

 

 

 

भागवत कथा सुनाते हुए आचार्य गोपेश जी महाराज ने कहा कि यदि प्रभु की कृपा पाना है तो मांस, मछली व अंडे का सेवन तत्काल बंद करना होगा। उन्होंने कहा सत्य सनातन धर्म में कोई देवी देवता बलि नहीं मांगते। अपनी जीभ के स्वाद के लिए धर्म व निराधार परंपरा का सहारा लिया जाता है। बलि ही देनी है तो खुद की दो, अपने दुर्गुणों की दो।

 

 

 

 

 

गजेन्द्रोपाख्यान में कहा आपत्ति विपत्ति आने पर भगवान् का स्मरण करना चाहिए। समुद्रमंथन लीला में आयुर्वेद के प्रवर्तक भगवान् धनवंतरी की महिमा बताई। नवम स्कंध में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान् श्री राम की लीला श्रवण कराते हुए कहा राम प्रेम के वशीभूत हैं। गोकुल में भगवान् श्री कृष्ण के प्राकट्य महोत्सव में कहा भगवान् का जन्म नहीं अवतार होता है।

 

 

 

 

 

कथा व्यास आचार्य गोपेश जी महाराज ने कहा प्रेम ही परमात्मा के प्रकट होने में मूल कारण है। बाबा नंद, मां यशोदा व बाल गोपाल की झांकियां प्रस्तुत कीं गईं। श्री मेला जलविहार मन्दिर समिति के अध्यक्ष केजी अग्रवाल, कैलाशचंद्र अग्रवाल, प्रदीप गुप्ता, काशीप्रसाद गुप्ता, राकेश मिश्रा, नीलू महाराज, अमरजीत अरोरा आदि मौजूद रहे।

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