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शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति; QR कोड स्कैन करते ही खुल जाएगी किताब

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नेहा वर्मा, संपादक ।

 

हमीरपुर जनपद में राठ नगर के सिकन्दरपुरा मोहल्ला निवासी परिषदीय स्कूल के शिक्षक प्रियेश दीक्षित ने भविष्य की क्यूआर कोड डिजिटल बुक इजाद कर शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति का सूत्रपात किया है। इस डिजिटल बुक में सिर्फ QR code ही हैं। जिस कोड को स्कैन करते हैं, उससे संबंधित पूरा पाठ्यक्रम मोबाइल पर खुल जाता है। इसमें न भारी भरकम कॉपी किताब की जरूरत होगी न ही मोबाइल पर का डेटा भरेगा। लाॅक डाउन में आॅनलाइन पढ़ाई की कठिनाइयों को देखते हुए उनके मन में यह विचार आया।

 

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डिजिटल बुक के आविष्कारक प्रियेश दीक्षित

प्रियेश दीक्षित सीतापुर के मछरेहटा ब्लाक के पहाड़पुर प्राथमिक विद्यालय में कार्यवाहक हैं। बच्चे को बच्चा नहीं जूनियर नागरिक कहें के स्लोगन पर काम कर रहे प्रत्येश कहते हैं। कहते हैं कि भारी भरकम किताबों का बोझ खत्म करने के लिए क्यूआर कोड पाकेट लाइब्रेरी इजाद की है। छोटे बच्चों को मोबाइल पर भी पाठ्य सामग्री खोजने में मुश्किल होती है। उन्होंने अभी प्राथमिक स्तर पर क्यूआर कोड बुक बनाई है। कहते हैं कि इस तरह की पाकेट डिजिटल बुक हर क्षेत्र के विषय की बनाई जा सकती है। जो शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति साबित होगी।

 

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क्यूआर कोड डिजिटल बुक

डिजिटल बुक के क्यूआर कोड मोबाइल के किसी भी स्कैनर से स्कैन किए जा सकते हैं। कोड स्कैन करते ही मोबाइल पर उस किताब का समूचा पाठ्यक्रम खुल जाएगा। प्रियेश मावेल, क्लीन बोल्ड, गुगली ब्वाय आदि डाॅक्यूमेंटरी फिल्म निर्माण के लिए सम्मानित हो चुके हैं। वर्ष 2017 में दक्षिण भारत से राष्ट्रय बाल साहित्य पुरस्कार, सीतापुर में उत्कृष्ठ शिक्षक सम्मान पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। 2019 में विधानसभा अध्यक्ष ने सारस्वत सम्मान प्रदान किया था। करीब 28 राज्य व राष्ट्रीय कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने के साथ ही अनेक पुस्तकों व पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित हो चुके हैं। वहीं वर्ष 2009 से अनवरत आकाशवाणी कार्यक्रम का प्रसारण कर रहे हैं।

 

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क्यूआर कोड डिजिटल बुक

प्रियेश कहते हैं कि बच्चे खेलते हुए अपने हाथ मुंह में ले जाते हैं। जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा रहता है। उन्होंने बच्चों के लिए कोरोना अलर्ट डिवाइस बनाई है। यह डिवाइस बच्चों के हाथ में बांध दी जाती है। बच्चे द्वारा हाथ को मुंह के समीप ले जाने पर डिवाइस आवाज करेगी। जिससे बच्चा सतर्क हो जाएगा। वहीं विद्यालय में डिजिटल वाटिका तैयार की है। पौधों पर क्यूआर कोड लगा हुआ है। जिसे स्कैन करने पर उस पौधे से संबंधित सभी जानकारी मोबाइल पर मिल जाती है।

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