क्षेत्रीयहमीरपुर

आपात स्थिति में 102 एम्बुलेंस को बनाया अस्पताल, कराया सुरक्षित प्रसव

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नेहा वर्मा, संपादक ।

 

मरीजों को समय से अस्पताल पहुंचा कर जिंदगियां बचाने में एम्बुलेंस कर्मियों का अहम योगदान होता है। अब इसके साथ ही एम्बुलेंस कर्मचारी रास्ते में किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहते हैं। हमीरपुर जनपद में रोज ऐसे मामले देखे जा रहे हैं जहां अस्पताल पहुंचने से पहले ही गर्भवती महिलाओं के रास्ते में ही प्रसव हो रहे हैं। आपात स्थिति में 102 एम्बुलेंस के कर्मचारी सुरक्षित प्रसव की जिम्मेदारी उठाते हैं।

 

 

 

 

हमीरपुर जनपद में सुमेरपुर क्षेत्र के किशवाई गांव निवासी बबली (30) पत्नी ओमप्रकाश गर्भवती थीं। गुरुवार सुबह 3.44 बजे प्रसव पीड़ा बढ़ने पर 102 एम्बुलेंस को फ़ोन किया और अपनी समस्या बताई। जिसके बाद सुमेरपुर हॉस्पिटल से 102 एम्बुलेंस उसके घर के लिए रवाना हुई। जब मरीज को हॉस्पिटल ले जा रहे थे तभी गांव से 3 किलोमीटर दूर निकलते ही कैथी गाँव मे प्रसव पीड़ा बहुत तेज हो गई। तब एंबुलेंस पर तैनात ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल तकनीशियन) अवनीश और पायलट महेंद्र ने रास्ते में ही सुरक्षित प्रसव की प्रक्रिया की तैयारी शुरू की।

 

 

 

 

 

पायलेट ने  एम्बुलेंस को सुरक्षित स्थान पे खड़ा कर दिया।लगभग आधा घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित प्रसव करा पुत्र को जन्म दिलाया गया। एंबुलेस में ही प्राथमिक उपचार देकर बाद में जच्चा और बच्चा दोनों को  अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिले में तैनात 108 एम्बुलेंस के जिलाप्रभारी कपिल वार्ष्णेय का कहना है प्रशिक्षित स्टाफ को तैनात किया गया है। वहीं आपात स्थिति के लिए एम्बुलेंस में संसाधनों की भी व्यवस्था की गई है।

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