कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने स्वर्ग से उतरीं प्रीती ???
नेहा वर्मा, संपादक ।
हमीरपुर जनपद के सरकारी महकमों में अजबगजब खेल चल रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों को घर बैठे बिना जांच पड़ताल के फाइलें रंगने में महारत हासिल है। राठ क्षेत्र के स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा कारनामा कर डाला। छह माह पहले आत्महत्या कर चुकी महिला को कोरोना की दूसरी डोज लगा बाकायदा प्रमाणपत्र जारी कर दिया। कर्मचारियों की इस गलती पर अधिकारी कंप्यूटर को दोष दे रहे हैं।
गोहाण्ड ब्लाक के अकौना गांव के मूलचंद्र राजपूत ने बताया कि बीते 6 जुलाई को गांव में कोरोना टीकाकरण का कैंप लगा था। जिसमें उनकी बहू प्रीति (24) पत्नी राजकुमार को कोरोना का पहला टीका लगाया गया था। टीकाकरण में मूलचंद्र ने अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड कराया था। 30 जुलाई को प्रीति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मूलचंद्र ने बताया कि 25 जनवरी को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज आया।
मोबाइल का मैसेज देख उन्हें पहले तो यकीन ही नहीं हुआ। मोबाइल में उनकी बहू प्रीति को कोरोना की दूसरी डोज सफलता पूर्वक लगाने का मैसेज था। स्वर्ग में बैठी बहू को स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना की दूसरी डोज लगा दी गई थी। यह देख पूरा परिवार दंग रह गया। मूलचंद्र का आरोप है कि विभाग द्वारा बिना किसी जांच पड़ताल के कंप्यूटर पर टीकाकरण दर्ज किया जा रहा है। जिससे कोरोना टीकाकरण का शतप्रतिशत लक्ष्य सिर्फ कागजों पर ही नजर आ रहा है।
इस संबंध में जब सीएमओ अशोक कुमार रावत ने बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया था। उन्होंने कहा कि एक ही मोबाइल नंबर से परिवार के अन्य सदस्यों का रजिस्ट्रेशन होने पर कंप्यूटर में गड़बड़ी हो जाती है। वहीं जब उनसे बताया गया कि अनेक व्यक्ति ऐसे हैं जिन्होंने दूसरी डोज नहीं लगवाई फिर भी उनका कंप्यूटर में टीकाकरण पूरा हो चुका है। जिस पर सीएमओ ने कहा कि उक्त लोगों को सीएचसी जाने पर टीका लगाया जाएगा।