हमीरपुर में दर्दनाक हादसा: आवास न मिलने से जमीन पर सो रहे दो मासूमों को सांप ने डसा, दोनों की मौत
Hamirpur two children died: हमीरपुर जिले के इमलिया गांव में आवास न मिलने से जमीन पर सो रहे दो मासूमों को सांप ने डस लिया। दोनों की मौत हो गई। परिजनों ने ग्राम प्रधान पर गंभीर आरोप लगाए।
नेहा वर्मा, संपादक, विराट न्यूज नेशन।
Hamirpur News: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। मुस्करा थाना क्षेत्र के इमलिया गांव में आवास न मिलने से जमीन पर सो रहे दो मासूम भाई-बहन को सांप ने डस लिया। इस हादसे में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया और पूरे गांव में मातम छा गया।
यह भी पढ़ें राठ: ढोल-नगाड़ों की गूंज थमी… बेटे के कुआं पूजन पर घर से उठी पिता की अर्थी
जमीन पर सोते वक्त सांप ने डसा
जानकारी के अनुसार, पीड़ित परिवार के पास पक्का घर न होने की वजह से वे बारिश के मौसम में भी जमीन पर सोने को मजबूर थे। बीती रात जब पूरा परिवार घर में जमीन पर सो रहा था, तभी अचानक सांप ने बच्चों पर हमला कर दिया।
मासूम रोहित (4 साल) और उसकी बहन काजल (6 साल) को सांप ने डस लिया। परिवारजन आनन-फानन उन्हें नजदीकी वैद्य के पास ले गए, लेकिन जहर तेजी से फैल चुका था। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन दोनों मासूमों की मौत हो गई।
यह भी पढ़ें खेत की मेड़ पर मिला किसान का शव, पुलिस कर रही जांच
Hamirpur two children died मामले में ग्राम प्रधान पर गंभीर आरोप
मृतक बच्चों के पिता रामराज प्रजापति ने ग्राम प्रधान और स्थानीय जिम्मेदारों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि कई बार आवास योजना के लिए सर्वे हुआ, लेकिन प्रधान की मनमानी के चलते आज तक उन्हें घर नहीं मिला। मजबूरी में परिवार जमीन पर सोने को विवश था और उसी की वजह से उसने अपने दो बच्चों को खो दिया।
पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर
घटना की सूचना मिलते ही मुस्करा थाना पुलिस और राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची। दोनों बच्चों के शवों का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। वहीं, उप जिलाधिकारी मौदहा ने जांच के बाद पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद देने का आश्वासन दिया है।
यह भी पढ़ें राठ में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर बड़ा हादसा: टायर फटने से कार पलटी, मां-बेटे की दर्दनाक मौत
गरीब परिवारों के लिए बड़ी चेतावनी
यह हादसा सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि उन हजारों गरीब परिवारों की कहानी है जो आज भी प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) जैसी सरकारी योजनाओं के बावजूद पक्के घर से वंचित हैं। यदि समय रहते इन्हें घर उपलब्ध कराया गया होता तो शायद आज दो मासूमों की जान बचाई जा सकती थी।
प्रधानमंत्री आवास योजना की आधिकारिक वेबसाइट देखें
हमीरपुर का यह दर्दनाक हादसा प्रशासन और शासन दोनों के लिए एक बड़ा सवाल छोड़ता है। आखिर कब तक गरीबों को योजनाओं का लाभ सिर्फ कागजों पर मिलेगा? कब तक छोटे मासूम इस तरह की लापरवाही की कीमत अपनी जान देकर चुकाएंगे?