बच्चों को दें संस्कार, गलत संगत व मोबाइल फोन से रखें दूर – प्रभु प्रिया रामायणी
नेहा वर्मा, संपादक ।
“प्रभु प्रिया रामायणी ने बच्चों को संस्कारवान बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा की बच्चों को गलत संगत से दूर रखना चाहिए। वहीं मोबाइल फोन से भी दूरी बनाकर रखें। कहा बच्चों को कथा भागवत में अपने साथ जरूर ले जाएं।”

Hamirpur News : राठ के उत्सव पैलेस में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिन उज्जैन से पधारीं प्रभु प्रिया रामायणी ने श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। धूमधाम से नंदोत्सव मनाया गया। बच्चों को मोबाइल व गलत संगत से दूर रखने की शिक्षा दी। कहा बच्चों में संस्कार होना आवश्यक है। जिसके लिए उन्हें भागवत कथा का रसपान कराएं।
प्रभु प्रिया ने कहा दया के सागर भगवान ने राक्षसी पूतना का भी उद्धार करते हुए माता की गति प्रदान की। उन्होंने कहा श्रीमद भागवत कथा जीते जी मुक्ति दिलाती है वहीं मरने के बाद मोक्ष प्राप्त होती है। कलयुग में भगवान को पाने का सबसे सरल उपाय भागवत कथा है। रामचरित मानस में कहा गया है कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरही पारा। बच्चों को कथा में लाएं जिससे कथा सुनकर उनमें संस्कारों का संचार हो।
प्रभु प्रिया रामायणी ने कहा बच्चों को गलत संगत व मोबाइल फोन से दूर रखें। माखनचोरी, कालियानाग का उद्धार, गोवर्धनलीला का सुंदर वर्णन किया। परीक्षित काशी प्रसाद गुप्ता, सुशीला देवी गुप्ता, विनोद गुप्ता, शैलेंद्र शर्मा, प्रमोद गुप्ता, रामलखन माहेश्वरी, मोतीलाल गुप्ता, कैलाश चंद्र अग्रवाल, अखिलेश गुप्ता, डॉ सुनील गुप्ता आदि रहे।