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चित्रकूट ममता मिश्रा आत्महत्या मामला: ब्राह्मण समाज में आक्रोश, कार्रवाई की उठी मांग

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Chitrakoot Mamta Mishra suicide: चित्रकूट की ममता मिश्रा आत्महत्या मामले में ब्राह्मण समाज आक्रोशित है। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा (रा.) ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर दोषियों पर कठोर कार्रवाई और आश्रितों को आर्थिक मदद की मांग की।

नेहा वर्मा, संपादक, विराट न्यूज नेशन।

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चित्रकूट की ममता मिश्रा आत्महत्या मामला

चित्रकूट जनपद के मानिकपुर कस्बे की निवासी ममता मिश्रा के आत्महत्या प्रकरण ने पूरे ब्राह्मण समाज में आक्रोश पैदा कर दिया है। आरोप है कि ममता मिश्रा ने बेटी के साथ हुई अभद्रता की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कार्रवाई न होने और फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकियों के चलते उन्होंने आत्महत्या कर ली।

राठ में ब्राह्मण महासभा की बैठक

राठ नगर के एक प्रतिष्ठान में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा (रा.) की बैठक आयोजित हुई। बैठक में महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष अल्का द्विवेदी ने कहा कि—
“ममता मिश्रा की शिकायत पर प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, बल्कि उल्टा उन्हें धमकाया गया और पैसों की मांग की गई। इसी उत्पीड़न के कारण उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।”

ज्ञापन के जरिए मुख्यमंत्री से की मांग

बैठक में समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर निम्नलिखित मांगें रखीं—

  • घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
  • दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो।
  • मृतका के आश्रितों को आर्थिक मदद दी जाए।

नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर एक माह में मांगें पूरी नहीं होतीं, तो समाज आंदोलन करने को बाध्य होगा।

बैठक में मौजूद प्रमुख लोग

बैठक में समाज के कई प्रमुख पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे। इनमें प्रमुख नाम हैं—

  • जगदीश चचौंदिया
  • नीरज बुधौलिया
  • सुरेशचंद्र द्विवेदी
  • हरिमोहन चंसौरिया
  • नीरज कुमार चौबे
  • कैलाश नारायण तिवारी
  • रामगोपाल दुबे
  • प्रदीप शर्मा
  • नीरज तिवारी
  • पं. कृष्ण कुमार मिश्र
  • राकेश तिवारी
  • अशोक पचौरी
  • सुरेश कुमार शर्मा
  • बृजगोपाल द्विवेदी

ब्राह्मण समाज का आक्रोश

इस घटना से समाज में गहरा आक्रोश है। महासभा का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही और दोषियों के संरक्षण ने ममता मिश्रा को आत्महत्या के लिए मजबूर किया। समाज ने साफ कहा है कि अगर न्याय नहीं मिला, तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

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चित्रकूट ममता मिश्रा आत्महत्या मामला अब सामाजिक और राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। ब्राह्मण महासभा ने इसे सम्मान और न्याय की लड़ाई बताते हुए दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की है। आने वाले समय में यह मामला और बड़ा रूप ले सकता है।

 

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