जिंदगी का आखिरी मेला : कुएं में गिरे दुकानदार का छह घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकला शव
नेहा वर्मा, संपादक ।
Hamirpur News : रोजी रोटी कमाने के लिए मेले में दुकान लगाने वाले रामपाल को क्या पता था कि एक मेला उनकी जिंदगी का आखिरी मेला साबित होगा। दुकानदारी करते समय ढंके कुएं में अपनी दुकान सहित समा गए। प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। छह घंटे बाद कुएं से उनका शव निकला। इस हादसे से उनका परिवार अनाथ हो गया। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद का भरोसा दिया है।
राठ क्षेत्र में मझगवां थाने के नहदौरा गांव निवासी धनप्रसाद ने बताया कि उनके पिता रामपाल (65) क्षेत्र के मेला व बाजार में मनिहारी की दुकान लगाते थे। बृहस्पतिवार को टूंका गांव में हजरत मुर्तजा अली की दरगाह पर सालाना उर्स व मेले का आयोजन था। जहां वह स्कूटी से अपनी दुकान लगाने पहुंचे। गांव की आशा बहू के दरवाजे पर स्कूटी खड़ी कर दी और मेले में दुकान लगा ली। दोपहर करीब दो बजे सड़क पर भीड़ बढ़ती जा रही थी। जिसके चलते उन्होंने सड़क से हट कर अपनी दुकान सड़क किनारे बंद कुए में लगा ली।
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मेले में किसी हादसे की आशंका पर कुए को सीमेंट के पटियों से पाट दिया गया था। तभी पटिया टूटने से वह दुकान के सामान सहित कुए में जा गिरे। एसडीएम अभिमन्यु कुमार, कोतवाल रामआसरे सरोज पुलिस व फायर ब्रिगेड टीम के साथ पहुंच गए। सात घंटे तक चले रेस्क्यू आपरेशन के बाद रामपाल का शव कुंए से बाहर निकाला गया। मौत पर पत्नी ज्योति व बेटे धनप्रसाद का रो रो कर बुरा हाल है। कोतवाल रामआसरे सरोज ने कहा कि शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। एसडीएम ने कहा मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिलाई जाएगी।
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सालाना मेले में भीड़ को देखते हुए किसी हादसे की आशंका पर सड़क किनारे बने कुए को सीमेंट के पटियों से पाट दिया गया था। रामपाल कुए के पास सड़क किनारे दुकान लगाए था। रास्ते में अधिक भीड़ होने के चलते उसने अपनी दुकान आधे ढंके कुए पर इन्हीं पटियों के बीच लगा ली। सीमेंट से बने पटिये वजन नहीं सह पाए और टूट गए। जिससे रामपाल गहरे कुए में समा गया और मौत हो गई।