व्हाई सुड आई मैरी… में इंजीनियरिंग स्टूडेंट अविरल त्रिपाठी का लेख शामिल
नेहा वर्मा, संपादक ।
कहते हैं कि प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। कम उम्र में ही प्रतिभावान अपना परचम लहरा देते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिला निवासी अविरल त्रिपाठी ने। हमीरपुर के राठ नगर में रहने वाले इंजीनियरिंग के छात्र अविरल त्रिपाठी के लेख को फेमिना पब्लिशिंग हाउस की किताब, “व्हाई सुड आई मैरी” (मुझे शादी क्यों करना चाहिए) में जगह मिली है। उनकी इस सफलता पर परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई।
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राठ नगर के मुगलपुरा मोहल्ला निवासी शिक्षक आलोक त्रिपाठी के पुत्र अविरल त्रिपाठी नेशनल इंस्टीटयूट आफ टेक्नालोजी वारंगल में बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र हैं। अविरल बताते हैं कि दसवीं की पढ़ाई के साथ ही लेखन के क्षेत्र में रूचि जाग्रत हुई। चेतन भगत, दुर्जोय दत्ता, सवि शर्मा आदि लेखकों से प्रेरित हुए। दसवीं कक्षा से ही उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात रखनी शुरू कर दी थी। इसी बीच वह यूथ अगेंस्ट रेप संस्था से एक लेखक के तौर पर जुड़ गए। जहां युवाओं के लिए प्रेरणादायक लेख खिलते हुए अनेक लेखकों के संपर्क में आए।
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अविरल में अपनी बात को अंग्रेजी में सरलता से व्यक्त करने की खूबी है। जिसे देखते हुए अंग्रेजी में कहानियां लिखना शुरू कीं। फेमिना पब्लिशिंग हाउस व्हाई सुड आई मैरी नाम से किताब निकाल रहा था। जिसमें उन्होंने जीवन के इस अहम पहलू को छूता हुआ लेख भेजा। जिसे किताब में जगह दी गई है। अविरल कहते हैं कि उनका लक्ष्य विभिन्न सामाजिक विषयों पर उपान्यास लेखन है। अपनी इस सफलता का श्रेय पिता आलोक त्रिपाठी, मां मोहनी त्रिपाठी, शिक्षक विनय गंुप्ता, धीरेंद्र श्रीवास्तव व सोशल मीडिया के मित्र अनुश्री गुंप्ता तथा केवल सुचक को देते हैं।