संपादकीय

यह कैसा विकास महोत्सव जब वर्षों से अधर में लटकी महत्वपूर्ण परियोजनाएं

Spread the love

Madhav Dwivedi Chief Editor Virat News Nation

 

माधव द्विवेदी, प्रधान संपादक ।

 

 

Hamirpur : राठ से रेलवे लाइन व विश्वविद्यालय निर्माण की घोषणा चुनावी जुमला साबित हो रहा है। मौदहा बांध पेयजल योजना, राजकीय महाविद्यालय, रोडवेज डिपो के कायाकल्प की योजनाएं अधूरी पड़ीं हैं। आधे अधूरे कार्यों के साथ सरकार द्वारा पूरे जोश के साथ विकास महोत्सव मनाया जा रहा है।

 

 

 

विकास के नए आयाम रच रही योगी सरकार

सेवा, सुरक्षा एवं सुशासन के नारे के साथ तीन दिवसीय विकास महोत्सव मनाया जा रहा है। शासन व प्रशासनिक अमला केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों का बखान करने में जुटा है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि प्रदेश की योगी सरकार ने विकास के नए आयाम स्थापित किये हैं। बात जनपद की हो तो सड़कों की स्थिति बदली है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से आवागमन सुलभ हुआ है। वहीं दूसरी ओर राठ के विकास के लिए बनीं महत्वपूर्ण परियोजनाओं का पूरा न होना विकास के दावे पर प्रश्नचिन्ह भी लगाता है। ऐसे में अधूरी पड़ीं बड़ी और महत्वाकांक्षी परियोजना पर नजर डालना जरूरी हो जाता है।

 

 

 

स्वामी ब्रह्मानंद का सपना कब करेंगे पूरा

उच्च शिक्षा के लिए लंबे समय से नगर में विश्वविद्यालय निर्माण की मांग चल रही है। 2022 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मानंद महाविद्यालय ग्राउंड पर जनसभा की थी। जहां से उन्होंने स्वामी ब्रह्मानंद विश्वविद्यालय निर्माण की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने साफ कहा था कि ब्रह्मानंद महाविद्यालय प्रबंध समिति जमीन उपलब्ध कराती है तो विश्वविद्यालय का कार्य शुरू करा दिया जाएगा। यह भी कहा था कि जमीन उपलब्ध न होने पर सरकार अपनी ओर से व्यवस्था कर ब्रह्मानंद विश्वविद्यालय बनवाएगी। जिसके बाद प्रबंध समिति ने जमीन का प्रस्ताव मुख्यमंत्री से मिलकर सौंप दिया था। मानक के अनुसार जमीन का प्रस्ताव मिलने के बाद भी विश्वविद्यालय के लिए कोई काम होते नहीं दिख रहा। नगर में राजकीय महाविद्यालय स्वीकृत होने के बाद उम्मीद जगी थी। पर यह काम भी अधर में लटका हुआ है। महाविद्यालय का काम अधूरा पड़ा है।

 

 

 

धन के अभाव में दम तोड़ रही पेयजल योजना

वर्ष 2017 में योगी सरकार ने मौदहा बांध वाटर ट्रीटमेंट योजना के लिए धन की स्वीकृति दी। करीब 1 अरब की इस परियोजना में 8 साल में मात्र 20 करोड़ रुपए ही दिए गए। इस परियोजना के पूरा होने पर राठ शहर की पेयजल समस्या का स्थायी समाधान हो सकता था। धन के अभाव में यह महत्वपूर्ण परियोजना दम तोड़ रही है। यातायात के लिए एकमात्र विकल्प रोडवेज बस डिपो है। करीब 5 साल पहले प्रदेश की योगी सरकार ने रोडवेज डिपो के कायाकल्प की योजना बनाई। जिसमें राठ डिपो को आधुनिक और सभी सुविधाओं से सुसज्जित करना था। काम शुरू हुआ पर धन के अभाव में यह योजना भी लटक गई।

 

 

 

वादों से उतर कर जमीन पर कब आएगी रेल

शहर के औद्योगिक विकास व यातायात को सुगम बनाने के लिए करीब 6 दशक से रेलवे लाइन की मांग की जा रही है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष व वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह ने बीएनवी के मैदान पर जनसभा की थी। कहा था ट्रेन क्या हवा में चलती है। सपा सरकार जमीन ही नहीं दे रही। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने पर एक माह में रेलवे लाइन का काम शुरू हो जाएगा। 7 साल बाद भी रेलवे लाइन का वादा जमीन पर नहीं उतर पाया। बार बार सर्वे की बातें तो सामने आतीं हैं। पर यह काम जमीन पर उतरते नहीं दिख रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!