गुरु करो दस पांचा, जब तक मिले नहीं सांचा, सत्संग में बताई गुरु की विशेषता
नेहा वर्मा, संपादक ।
Hamirpur News : राठ के रामलीला मैदान में सदानन्द तत्त्वज्ञान परिषद् के तत्त्वावधान में सत्संग कार्यक्रम चल रहा है। महात्मा दीपक दास ने सच्चे गुरु की पहचान बताते हुए कहा कि सच्चे गुरु की तलाश में चाहे जितने गुरु बदलने पड़ें, व्यक्ति को बिना संकोच के गुरु बदलना चाहिए। कहा सच्चा गुरु वही है जो भगवान का साक्षात्कार कराए। बाकी सब आडंबरी है।
राठ के रामलीला मैदान में सदानंद तत्वज्ञान परिषद का सत्संग समागम
दीपक दास ने कहा सांचे गुरु के ज्ञान में भगवान साक्षात दिखाई देता है। उस भगवान से मुक्ति व अमरता का साक्षात बोध प्राप्त होता है। कहा जीते जी अमरत्व प्राप्त करना ही जीवन को सार्थक बना लेना है। यदि गुरु के ज्ञान से यह उपलब्धि नहीं मिलती तो समझ लेना चाहिए कि वह गुरु सांचा नहीं है। महात्मा ने कहा हमें संत ज्ञानेश्वर के रूप में सांचा गुरु मिला है। जिन्होंने भगवान श्री विष्णु, श्रीराम, श्रीकृष्ण वाला तत्वज्ञान दिया। जीव, ईश्वर व परमेश्वर का बातचीत सहित साक्षात दर्शन कराया।