उत्तर प्रदेशराज्यहमीरपुर

सन्यासी की संस्था को सन्यासी मुख्यमंत्री से उम्मीद, कब होगा ब्रह्मानंद यूनिवर्सिटी का वादा पूरा

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नेहा वर्मा, संपादक ।

 

क्रांतिकारी सन्यासी स्वामी ब्रह्मानंद की कर्मस्थली ब्रह्मानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय को प्रदेश के सन्यासी मुखिया योगी आदित्यनाथ ने यूनिवर्सटी बनाने का वादा किया था। एक साल बाद भी मुख्यमंत्री का वादा अधूरा है। सोमवार को मुख्यमंत्री पड़ोसी जनपद महोबा में आ रहे हैं। ऐसे में उन्हें वादा याद दिलाना स्वाभाविक है।

 

 

 

पिछड़े बुंदेलखंड में हमीरपुर जिले का राठ क्षेत्र अतिपिछड़ा इलाका है। यहां अशिक्षा के घनघोर अंधकार को दूर करने के लिए क्रांतिकारी संत बुंदेलखंड मालवीय स्वामी ब्रह्मानन्द जी महाराज ने 1960 में ब्रह्मानन्द महाविद्यालय की नींव रखी। छोटी सी संस्था को अपना सारा जीवन समर्पित कर एक विशाल संस्थान खड़ा कर दिया। सांसद रहते हुए अपना सारा वेतन व पेंशन संस्थान को दान में दिया। खुद एक कुटिया में रहे और जिंदगी भर पैसे को हाथ नहीं लगाया।

 

 

 

कृषि, विज्ञान, गणित व गृह विज्ञान से स्नातक पाठ्यक्रम कराए जाते हैं। वहीं कृषि परास्नातक की सुविधा भी उपलब्ध है। विभिन्न प्रांतों से छात्र कृषि की पढ़ाई करने आते हैं। जबकि विज्ञान, गणित व गृहविज्ञान में परास्नातक के लिए छात्र छात्राओं को अन्य जनपदों का रुख करना पड़ता है। वहीं कला विषय से स्नातक की सुविधा भी नहीं है। शोध कार्य के लिए छात्रों को झांसी व बांदा विश्वविद्यालयों का रुख करना पड़ता है।

 

 

 

 

महाविद्यालय को विश्वविद्यालय बनाने के लिए काफी समय से मांग चल रही है। स्वामी जी के नाम पर राजनीति तो जमकर हुई पर उनकी कर्मस्थली के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान 16 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राठ कस्बा आये थे। ब्रह्मानन्द महाविद्यालय के मैदान में भाजपा प्रत्याशी व वर्तमान विधायक मनीषा अनुरागी के समर्थन में जनसभा की थी।

 

 

 

 

ब्रह्मानंद महाविद्यालय को विश्वविद्यालय बनाने का वादा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था उनके पास दोनों प्रकार की स्कीम हैं। प्रबंध समिति चाहती है और 20 एकड़ जमीन उनके पास है तो अभी विश्वविद्यालय निर्माण की कार्रवाई उच्च स्तर पर शुरू कर देंगे। अगर सरकार को पूरी व्यवस्था करनी पड़ी तो भी विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। सरकार बने एक साल हो गया। अभी भी प्रदेश के मुखिया का वादा अधूरा है।

 

 

 

 

ब्रह्मानन्द महाविद्यालय को विश्वविद्यालय बनाने के लिए लंबे समय से मांग चल रही है। पर्याप्त भूखंड, भवन सहित सभी संसाधन भी उपलब्ध हैं। फिर भी अभी तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई। मुख्यमंत्री के वादे से उम्मीद जगी थी। समय बीतने के साथ यह भी चुनावी वादा साबित हो रहा है।

10 thoughts on “सन्यासी की संस्था को सन्यासी मुख्यमंत्री से उम्मीद, कब होगा ब्रह्मानंद यूनिवर्सिटी का वादा पूरा

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