स्वामी ब्रह्मानन्द पुरस्कार 2025: फिफ्टी विलेजर्स के संस्थापक डॉ. भरत सारण होंगे सम्मानित
Swami Brahmanand Award rath: स्वामी ब्रह्मानन्द पुरस्कार 2025 की घोषणा हो चुकी है। इस वर्ष यह पुरस्कार शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान देने वाले फिफ्टी विलेजर्स संस्थापक डॉ. भरत सारण (बाड़मेर, राजस्थान) को दिया जाएगा। जानिए उनकी प्रेरणादायक कहानी।
नेहा वर्मा, संपादक, विराट न्यूज नेशन।

स्वामी ब्रह्मानन्द पुरस्कार 2025 की घोषणा
Hamirpur। स्वामी ब्रह्मानन्द पुरस्कार समिति ने सोमवार को साल 2025 के लिए विजेता का ऐलान कर दिया है। हर वर्ष यह पुरस्कार स्वामी ब्रह्मानन्द जी के निर्वाण दिवस 13 सितम्बर को उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने शिक्षा और गौ सेवा के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान दिया हो।
इस बार समिति ने शिक्षा के क्षेत्र में फिफ्टी विलेजर्स संस्थान के संस्थापक डॉ. भरत सारण (बाड़मेर, राजस्थान) को चुना है।
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शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला रहे डॉ. भरत सारण
डॉ. भरत सारण लंबे समय से राजस्थान के सीमावर्ती जिले बाड़मेर में गरीब और ग्रामीण विद्यार्थियों के लिए शिक्षा की मशाल जला रहे हैं। उन्होंने फिफ्टी विलेजर्स नाम से एक अनूठा संस्थान शुरू किया, जहां आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को नीट (NEET) और अन्य मेडिकल परीक्षाओं की तैयारी बिल्कुल निशुल्क कराई जाती है।
- अब तक 286 छात्र-छात्राओं को नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिला चुके हैं।
- करीब दो दर्जन विद्यार्थी एम्स (AIIMS) से MBBS कर रहे हैं।
- सैकड़ों छात्र अन्य मेडिकल कॉलेजों से डॉक्टरी की डिग्री लेकर जनसेवा में जुट चुके हैं।
डॉ. सारण ने इस मिशन के लिए समाज के ताने, विरोध और व्यक्तिगत आर्थिक कठिनाइयों का सामना किया। यहां तक कि भारी मानसिक और आर्थिक दबाव के कारण उन्हें दिल का दौरा भी झेलना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने गरीब बच्चों की शिक्षा में बाधा नहीं आने दी और अपने जीवन को इस सेवा कार्य में समर्पित कर दिया।
प्रस्ताव पर समिति का निर्णय
पुणे निवासी डॉ. पुष्पलता झा (प्रिंसिपल, जी वर्ल्ड स्कूल मोहाली, पंजाब) के प्रस्ताव पर समिति ने सर्वसम्मति से डॉ. भरत सारण का नाम चयनित किया। समिति ने कहा कि—
“डॉ. सारण का कार्य न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि समाज परिवर्तन का भी प्रतीक है। उन्होंने वंचित परिवारों के बच्चों को मजदूरी और गरीबी से निकालकर उन्हें डॉक्टर बनाने का मार्ग दिखाया है।”
पुरस्कार का स्वरूप
13 सितम्बर 2025 को स्वामी ब्रह्मानन्द जी के निर्वाण दिवस पर डॉ. भरत सारण को यह सम्मान प्रदान किया जाएगा।
उन्हें पुरस्कार स्वरूप मिलेगा:
- सनद (प्रमाणपत्र)
- ₹10,000 नगद राशि
- स्वामी ब्रह्मानन्द जी की कांस्य प्रतिमा
- कांस्य पदक
- अंग वस्त्र
पहले किन हस्तियों को मिल चुका है यह पुरस्कार?
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पहले भी कई दिग्गजों को स्वामी ब्रह्मानन्द पुरस्कार से अलंकृत किया जा चुका है। इनमें शामिल हैं:
- डॉ. अरुण प्रकाश
- सुपर 30 के संस्थापक आनन्द कुमार (बिहार)
- स्वर्गीय सन्त हरवंश सिंह निर्मल (जैसलमेर, राजस्थान)
- रणजीत यादव (खाकी वाले गुरुजी)
- खान सर (पटना)
स्वामी ब्रह्मानन्द पुरस्कार 2025 के लिए डॉ. भरत सारण का चयन शिक्षा जगत के लिए एक बड़ी प्रेरणा है। उनकी संस्था फिफ्टी विलेजर्स ने साबित किया है कि अगर दृढ़ संकल्प और सेवा की भावना हो, तो आर्थिक बाधाएं भी किसी छात्र का भविष्य रोक नहीं सकतीं।
यह सम्मान उन सभी शिक्षकों और समाजसेवियों के लिए प्रेरणा है जो शिक्षा के जरिए बदलाव लाना चाहते हैं।


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