स्वास्थ्य

आयुर्वेद; जब आप की पार्टनर कहेगी अब बस भी करो न

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विराट न्यूज डेस्क ।

 

कहा गया है कि पहला सुख निरोगी काया। इसका अर्थ है कि स्वस्थ्य शरीर सबसे बड़ा सुख है। पर आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में निरोगी काया एक सपना बनता जा रहा है। दूषित खानपान से हमारा शरीर बीमारियों का घर बन रहा है। सांसारिक सुखों में यौन सुख का महत्व नकारा नहीं जा सकता। दूषित खानपान व तनाव इंसान की यौन क्षमता को प्रभावित कर रहा है। यौन क्षमता में कमी आने पर गृहस्थ जीवन मे खटास आना स्वाभाविक है। इस समस्या से सबसे ज्यादा पुरूष वर्ग प्रभावित है। अपने जीवन साथी को संतुष्ट न कर पाने पर पुरुष मानसिक कुंठा का शिकार होता जाता है। यौन दुर्बलता के अनेक कारण हो सकते हैं। कुछ प्रमुख कारण आप की जानकारी के लिए यहां लिखे जा रहे हैं ।

 

 

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शारीरिक कमजोरी के पीछे कई कारण होते हैं। हर व्यक्ति में अलग अलग कारणों से शारीरिक कमजोरी होती है। मानसिक तनाव, अत्यधिक धूम्रपान, शराब आदि नशीले पदार्थों का सेवन, डिप्रेशन, नींद पूरी न लेना, अनुचित आहार विहार, पुरुषत्व बढ़ाने वाली धातुओं की कमी, गुटखा पानमसाला का सेवन आदि पौरुष में कमी के महत्वपूर्ण कारण होते हैं। यदि आप भी इन आदतों के शिकार हैं तो सबसे पहले इनसे छुटकारा पाने का प्रयास करें। बुरी आदतें आप को नहीं पकड़े होतीं हैं बल्कि आप उन्हें पकड़ते हैं। मन मे दृढ़ इच्छाशक्ति के चलते आप इन आदतों से निजात पा सकते हैं। जब तक आप दुर्व्यसनों को नहीं छोड़ते कोई भी दवा पूरी तरह कारगर साबित नहीं होती है।

 

 

 

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आयुर्वेद में यौन शक्ति बढ़ाने के लिए शिलाजीत, मूसली, अश्वगंधा, शतावरी, कौंचा, गोखरू, कपूर, वन्य भस्म, अभ्रक भस्म आदि औषधियां बतायीं गयीं हैं। किसी जानकार वैध के परामर्श से इन औषधियों का मिश्रण सेवन करने से यौन व्याधियों का समूल नाश किया जा सकता है। इन औषधियों में अश्व अर्थात घोड़े जैसी ताकत देने की क्षमता होती है। जरूरत है उचित मात्रा में इनके प्रयोग की। जो किसी जानकार वैध द्वारा ही परामर्श करके लेना चाहिए। इन औषधियों में कुछ को भस्म, कुछ रस तथा कुछ सार तत्व के रूप में लीं जातीं हैं।

 

 

 

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यौन दुर्बलता का शिकार व्यक्ति अपनी समस्या किसी से बताने से भी डरता है। उसकी इस लाचारी का फायदा नीम हकीम व विदेशी फार्मा कंपनियां उठतीं हैं। मर्दाना ताकत बढ़ाने के नाम पर अश्लील व लुभावने विज्ञापन देकर ऐसे पुरुषों को अपने जाल में फंसाया जाता है। यौन दुर्बलता दूर करने के लिए पुरुष बाजार में बिकने वाली विभिन्न दवाओं के चक्कर मे फंस जाता है। जिससे न केवल धन की बर्बादी होती है बल्कि शरीर भी बेकार होता जाता है। प्राचीन भारतीय संस्कृति में विभिन्न काम शक्ति बढ़ाने वाली जड़ी बूटियों का वर्णन है। जिनका प्रयोग करने से यौन दुर्बलता से तो मुक्ति मिलती ही है साथ ही शरीर बलवान बनता है।

 

 

 

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आयुर्वेद में यौन शक्ति बढ़ाने के लिए शिलाजीत, मूसली, अश्वगंधा, शतावरी, कौंचा, गोखरू, कपूर, वन्य भस्म, अभ्रक भस्म आदि औषधियां बतायीं गयीं हैं। किसी जानकार वैध के परामर्श से इन औषधियों का मिश्रण सेवन करने से यौन व्याधियों का समूल नाश किया जा सकता है। इन औषधियों में अश्व अर्थात घोड़े जैसी ताकत देने की क्षमता होती है। जरूरत है उचित मात्रा में इनके प्रयोग की। जो किसी जानकार वैध द्वारा ही परामर्श करके लेना चाहिए। इन औषधियों में कुछ को भस्म, कुछ रस तथा कुछ सार तत्व के रूप में लीं जातीं हैं।

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