क्षेत्रीयहमीरपुर

हमीरपुर; जुड़वां बच्चों को ग्यारह दिन में दिलाई कुपोषण से निजात

Spread the love

नेहा वर्मा, संपादक ।

 

हमीरपुर जनपद में कुरारा ब्लाक के रघवा गांव निवासी धीरेंद्र के घर बीते चौदह महीने पहले जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ था। एक साथ दो दो नन्हे मेहमान आने पर घर के लोगों की खुशियों का ठिकाना नहीं था। पर उनकी खुशियों को जल्द ही कुपोषण की नजर लग गयी। दोनों बच्चों का जन्म समय से पहले हुआ था। इस लिए उनकी सेहत शुरू से ही अच्छी नहीं थी। समय के साथ यह जुड़वां बच्चे कुपोषण का शिकार हो गए। जिसके बाद बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों और टीम की निगरानी से जुड़वां बच्चों की सेहत में सुधार हुआ और ग्यारह दिन बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।

 

यह भी पढ़ें – हमीरपुर; आनलाइन ट्रेडिंग में राष्ट्रीय कृषि बाजार से जुड़ सकेंगे किसान, मिलेगा फसलों का अधिक मूल्य

 

पोषण पुनर्वास केंद्र की स्टाफ नर्स रीशू त्रिपाठी ने बताया कि जुड़वा भाइयों अंकुश और लवकुश को एक फरवरी को एनआरसी वार्ड में अस्पताल की ओपीडी से लाया गया था। चौदह माह के अंकुश का वजन 6.825 किग्रा और लवकुश का 6.570 किग्रा था। दोनों को उल्टी-दस्त की शिकायत थी। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.राधारमण की निगरानी में इलाज हुआ। जिसके बाद इनकी स्थिति में सुधार हुआ। 12 फरवरी को दोनों भाइयों को डिस्चार्ज कर दिया गया। तब अंकुश का वजन बढ़कर 7.860 किग्रा और लवकुश का 7.580 किग्रा हो चुका था। दोनों के वजन में भर्ती कराए जाने के दौरान लिए गए वजन से 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी थी। लवकुश और अंकुश की दादी रामदेवी और बुआ लक्ष्मी दोनों ग्यारह दिनों तक बच्चों के साथ रही।

 

यह भी पढ़ें – हमीरपुर; आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को दी जाएगी प्री प्राइमरी शिक्षा, आंगनबाड़ी कर्मचारियों को किया प्रशिक्षित

 

इसी तरह सुमेरपुर ब्लाक के मुण्डेरा गांव के आशीष की 11 माह की पुत्री ख्वाहिश भी कुपोषण से ग्रसित होने के बाद एनआरसी वार्ड में भर्ती कराई गई थी। एक फरवरी को भर्ती कराई गई ख्वाहिश का वजन पांच किग्रा था। ग्यारहवें दिन जब उसे डिस्चार्ज किया गया तो उसका वजन बढ़कर 5.790 किग्रा हो चुका था। एनआरसी वार्ड में गोहाण्ड ब्लाक के धनौरी गांव के धीरेंद्र के छह माह के जुड़वां बच्चे क्रियांश और कृतिका भी कुपोषण से लड़ाई लड़ रहे हैं। इन दोनों को 10 फरवरी को भर्ती कराया गया था। मां राजकुमारी ने बताया कि दोनों जन्म के समय से ही कमजोर थे। क्रियांश का वजन 5.750 किग्रा और कृतिका का वजन 4.650 किग्रा था।

 

यह भी पढ़ें – हमीरपुर; डीएम डॉ ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने समाधान दिवस की शिकायतों को गंभीरता से निस्तारित करने के निर्देश दिए

 

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ.विनयप्रकाश ने बताया कि एनआरसी को अत्याधुनिक वार्ड के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां सभी तरह की सुविधाएं हैं। यहां चार स्टाफ नर्स रीशू त्रिपाठी, शिल्पा सचान, अनुपमा सचान, निधि ओमर की तैनाती है। जबकि प्रतिभा तिवारी डायटीशियन हैं। सीता देवी केयर टेकर और उमा देवी रसोइया है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.राधारमण की निगरानी में कुपोषण का शिकार बच्चों का उपचार चलता है। सीएमएस ने बताया कि वर्ष 2020 अप्रैल माह में कुल 8 कुपोषित बच्चे एनआरसी में भर्ती कराए गए थे, जिसमें 6 बच्चों को टारगेट वेट (कुल वजन का 15 प्रतिशत) होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया। इसी तरह मई में 8, जून में 7, जुलाई में 5, अगस्त में 6, सितंबर में 4, अक्टूबर में 8, नवंबर में 3, दिसंबर में 8 और जनवरी 2021 में 7 बच्चों को एनआरसी में नया जीवन मिला। अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक 74 कुपोषित बच्चों में से 62 बच्चे सेहतमंद होकर एनआरसी से डिस्चार्ज किए गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!