कुत्ते की बारात और बैंड-बाजा, क्या यही रह गयी है हमारी प्राथमिकता?
Dog and bitch marriage: मुस्करा विकासखंड के छानी बांध गांव में बुधवार को जो कुछ हुआ, उसने सोशल मीडिया से लेकर समाज तक में बहस छेड़ दी है। एक कुत्ते की ‘धूमधाम’ से निकली बारात, उसमें बैंड-बाजा, डीजे, बन्ना गीत, और 200 से अधिक बारातियों की उपस्थिति — सवाल यही है कि क्या यही है आज के गांवों की प्राथमिकता?
नेहा वर्मा, संपादक, विराट न्यूज नेशन।
कुत्ते की शादी पर निकली बारात: क्या यही रह गया अब
Hamirpur News: मुस्करा विकासखंड के छानी बांध गांव में बुधवार को जो कुछ हुआ, उसने सोशल मीडिया से लेकर समाज तक में बहस छेड़ दी है। एक कुत्ते की ‘धूमधाम’ से निकली बारात, उसमें बैंड-बाजा, डीजे, बन्ना गीत, और 200 से अधिक बारातियों की उपस्थिति — सवाल यही है कि क्या यही है आज के गांवों की प्राथमिकता।
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सेवानंद बना दूल्हा, विचित्र कुमारी दुल्हन
गांव के महंत संतोषानंद का पालतू कुत्ता ‘सेवानंद’ जब दूल्हे के रूप में सजा-धजा कार की अगली सीट पर बैठा, तो लोग उसे देखने के लिए उमड़ पड़े। गांव के देवी-देवताओं के स्थानों पर सेवानंद से पान-बताशा चढ़वाए गए। यह बारात गोहांड ब्लॉक के मुशाई मौजा गांव में एक कुतिया ‘विचित्र कुमारी’ के यहां रवाना हुई।
बन्ना गीत और डीजे की धुन पर झूमता समाज
गांव की महिलाओं ने बन्ना गीत गाए, पुरुषों ने बैंड-बाजे की धुन पर नाचा। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि धर्मेंद्र कुमार ने खुद इस आयोजन की पुष्टि की और बताया कि बारात में खाने-पीने की भव्य व्यवस्था की गई है।
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Dog and bitch marriage: लेकिन क्या यह जरूरी था?
इस आयोजन पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। क्या एक कुत्ते की शादी पर इतना समय और संसाधन खर्च करना उचित है। क्या पशु प्रेम दिखाने का यही तरीका रह गया है। इस शादी से किसका भला हुआ, क्या उस कुत्ते व कुतिया को इसका कोई लाभ मिला। क्या इस आयोजन ने समाज को कोई सकारात्मक संदेश जाएगा। जवाब आप के विवेक पर निर्भर हैं।