क्षेत्रीयहमीरपुर

भक्ति का फल तभी मिलता है जब पाप न करने का संकल्प लें

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नेहा वर्मा, संपादक ।

 

Acharya Gopesh ji Maharaj is narrating Shrimad Bhagwat story in Rath's Jalvihar fair
राठ के जलविहार मेले में भागवत कथा सुनते श्रद्धालु

 

हमीरपुर जनपद के राठ नगर में जलविहार महोत्सव मनाया जा रहा है। इस अवसर पर श्रीधाम वृंदावन से आए आचार्य गोपेश जी महाराज जलविहार मंच से श्रीमद्भागवत कथा का रसपान करा रहे हैं। तीसरे दिन गुरुवार को भक्त प्रह्लाद व श्रवण कुमार की कथा सुनाने के साथ ही ईश्वर नाम संकीर्तन की महिमा का बखान किया।

 

 

 

 

 

 

श्री जलविहार मेला समिति के तत्वावधान में चल रही श्रीमद भागवत कथा महापुराण में बालशुक आचार्य गोपेश जी महाराज ने कहा मां, महात्मा व परमात्मा की कृपा से मातृ भक्त ध्रुव का जीवन धन्य हुआ। प्रभु प्यारे के भजन के बिना कोई श्वांस खाली न जाए। कहा अल्प ज्ञानियों से सावधान रहें। किसी भी परंपरा का आधार, लक्ष्य, उद्देश्य व प्राचीनता जान कर ही अपना मार्ग चुनें।

 

 

 

 

 

 

नरकों का वर्णन करते हुए कहा स्वर्ग व नर्क यहीं हैं यह भ्रामक प्रचार है। सबकी व्यवस्था है और सब सत्य है। नरक भी भगवान की ही दया है। जहां जीवों को पाप मुक्त करने के कठोर उपाय किए जाते हैं। अजामिलोपाख्यान में भगवन्नाम की महिमा बताई। कहा प्रभु नाम का फल तभी मिलता है जब पाप न करने का संकल्प लें। प्रेम जगत का आधार है। प्रेम निर्गुण, निराकार को सगुण, साकार बनाता है। प्रहलाद चरित्र में नरसिंह भगवान व भक्त प्रहलाद की सुंदर झांकी बनाई गई।

 

 

 

 

 

 

इस दौरान श्री जलविहार मेला समिति के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष केजी अग्रवाल, विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष राकेश मिश्रा,  नगर सेठ कैलाश चन्द्र अग्रवाल, सुरेश खेवरिया, डॉ रामगोपाल गुप्ता, प्रदीप कुमार गुप्ता, रमेशचंद्र सर्राफ, काशीप्रसाद गुप्ता, उमाशंकर गुप्ता, जयप्रकाश अग्रवाल, डॉ हरिओम नगायच, अमरजीत अरोरा, शिवप्रकाश गुप्ता, मौन साधना केंद्र रोहनियां मंदिर के संचालक नीलू महाराज आदि मौजूद रहे।

 

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