राठ; वन विभाग के हाथों से छूटा बारह सिंघा, तारों में उलझ कर हुई मौत
नेहा वर्मा, संपादक ।
हमीरपुर जनपद में राठ कोतवाली क्षेत्र के स्यावरी गांव में जंगलों से भटकता हुआ बारह सिंघा (सांभर) प्रजाति का हिरण पहुंच गया। जिसे देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। बारह सिंघा हिरण को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम खाली हाथ पहुंच गई। करीब दो घंटे तक विभागीय कर्मचारियों को छकाने के बाद हिरण खेतों की ओर भाग निकला। गांव के बाहर कंटीले तारों में उलझने पर उसकी मौत हो गई। हिरण की मौत के बाद विभागीय कर्मचारी उसका शव लेकर चले गए।
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शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे संरक्षित प्रजाति का बारह सिंघा हिरण स्यावरी गांव में पहुंच गया। गांव के अर्जुन कुशवाहा ने बताया कि हिरण उनकी अटारी में जा कर छिप गया। गांव में हिरण घुसने की जानकारी पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। अटारी से निकल कर हिरण छत पर चहल कदमी करता रहा। सूचना पर वन दरोगा देशराज यादव, ह्रदेश कुमार अपनी टीम के साथ पहुंच गए।
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वन विभाग की टीम के पास हिरण को कब्जे में करने के लिए जाल आदि कोई उपकरण नहीं थे। संसाधनों से विहीन विभागीय टीम दो घंटे तक हिरन को पकड़ने का प्रयास करती रही। कड़ी मेहनत के बावजूद हिरन उनके हाथ नहीं आया। दोपहर बाद करीब चार बजे हिरण खेतों से होता हुआ टीकुर व कुम्हरिया गांव की ओर भाग निकला। कुछ दूरी पर जाकर खेतों में लगी तारबाड़ी में गर्दन फंसने से उसकी मौत हो गई।
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वन दरोगा भीकमदास ने बताया कि यह सांभर प्रजाति का हिरण था। यह हिरण मझगवां के जंगलों में बहुतायत में पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि कंटीले तारों की चपेट में आने से हिरण की मौत हुई है। जिसको पोस्टमार्टम के बाद रेंज परिसर में दफन किया जाएगा। इस संबंध में वन क्षेत्राधिकारी आरबी कैथल का कहना है कि विभाग के पास रैस्क्यू आपरेशन से संबंधित कोई संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। वन्य जीवों को सख्ती से पकड़ने में उनकी जान जाने का खतरा भी रहता है।