क्षेत्रीयहमीरपुर

राठ; दो बार किस्मत ने बचाया, तीसरी बार गंवानी पड़ी जान

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नेहा वर्मा, संपादक ।

 

कहते हैं कि जाको राखे साईयाँ, मार सके न कोई। पर जब इंसान बार बार मौत के करीब जाने की कोशिस करे तो फिर उसे भगवान भी नहीं बचाता। ऐसा ही कुछ देखने को मिला हमीरपुर जनपद में राठ क्षेत्र के सरसई गांव में। जहां मानसिक रूप से बीमार चल रही महिला ने दो बार आत्महत्या का प्रयास किया। पर किस्मत से दोनों बार उसकी जान बच गयी। पहली बार उसने कुएं में छलांग लगा दी तो दूसरी बार लाइट के तार अपने हाथों से पकड़ लिए। गुरुवार रात वह फांसी का फंदा बनाकर झूल गयी। पर इस बार किस्मत ने उसका साथ छोड़ दिया। जब तक परिजनों को जानकारी हुई महिला की मौत हो चुकी थी।

 

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राठ कोतवाली क्षेत्र के सरसई गांव निवासी लाखन सिंह राजपूत ने बताया कि उनके नाम पर करीब दस बीघा कृषि भूमि है। जिस पर खेती करने के साथ ही अपने छोटे पुत्र सत्यम के साथ ई रिक्शा चलाते हैं। इटायल मौजा स्थित अपने खेत पर फार्म हाउस बनाकर पत्नी शिवकुमारी, पुत्र सौरभ व सत्यम के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि पत्नी शिवकुमारी (45) बीते कुछ वर्षों से किसी मानसिक बीमारी का शिकार हो गईं थीं। जिनका झांसी में इलाज कराया जा रहा था।

 

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गुरूवार शाम सूना घर पाकर शिवकुमारी ने अटारी की लकड़ी में रस्सी का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। पुत्र सत्यम रिक्शा चलाकर जब घर पहुंचे तो मां का शव फांसी पर झूलता मिला। लाखन सिंह ने बताया कि मानसिक बीमारी के चलते चार दिन पहले शिवकुमारी ने बिजली का तार छूकर तथा कुछ समय पहले कुए में कूद कर आत्महत्या करने का प्रयास किया था। कोतवाल केके पांडेय ने कहा कि महिला ने आत्महत्या की है। शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया है।

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