उत्तर प्रदेशराज्यहमीरपुर

राठ में चल रही थी बाल विवाह की तैयारी, प्रशासनिक टीम ने फेरा पानी

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नेहा वर्मा, संपादक ।

 

हमीरपुर जनपद के राठ में बाल विवाह की तैयारियां चल रहीं थीं। घर में रिश्तेदार भी आ चुके थे। गुपचुप तरीके से विवाह की रश्में पूरी की जा रहीं थीं। अगले दिन मंदिर से जाकर बाल विवाह संपन्न करा देना था। पर मामले की भनक लगते ही जिले के आला अधिकारी एक्शन में आ गए। हालांकि लड़की के माता पिता ऐसी किसी शादी से साफ इंकार कर रहे हैं।

 

 

मामला है राठ कोतवाली क्षेत्र के सरसई गांव का। सरसई गांव निवासी 15 वर्षीय लड़कीं का रिश्ता तय कर दिया गया। घर में रिश्तेदार आ चुके थे। गुपचुप तरीके से विवाह की रश्में निभाईं जा रहीं थीं। ग्रामीणों ने बताया शनिवार को तुरना गांव के एक मंदिर से विवाह संपन्न होना था। इस गैरकानूनी शादी की भनक किसी तरह ग्रामीणों को लग गयी। किसी ग्रामीण ने बाल विवाह की सूचना बाल संरक्षण विभाग नई दिल्ली में की।

 

 

बाल संरक्षण विभाग नई दिल्ली से जिलाधिकारी को कार्रवाई के निर्देश दिए गए। डीएम ने जिला प्रोवेशन अधिकारी राजीव कुमार सिंह को कार्रवाई के निर्देश दिए। राजीव कुमार सिंह ने बाल संरक्षण अधिकारी दीप्ति अग्निहोत्री के नेतृत्व में टीम गठित कर गांव भेजी। शुक्रवार शाम गांव पहुंची टीम ने जांच पड़ताल की। जहां बालिका के परिजनों ने शादी होने से साफ इनकार कर दिया। बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया ग्रामीणों ने नाबालिग लड़की की शादी कराए जाने की बात कही है।

 

 

अधिकारियों की टीम ने लड़की के परिजनों को सख्त हिदायत दी। वहीं बाल कानून के नियम बताते हुए परिजनों से बाल विवाह न करने की सहमति लिखित में ली गई है। कहा यदि बाल विवाह होता है तो शादी में शामिल होने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी। टीम में विधि सह पर्यवेक्षक अधिकारी जया वाजपेयी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी गोपाल कृष्ण, वन स्टॉक सेंटर मैनेजर मोनिका गुप्ता, काउंसलर रंजना शर्मा, चाइल्ड लाइन के अखिलेश तिवारी आदि रहे। गुपचुप तरीके से बाल विवाह के पीछे की वजह जो भी रही हो पर इसकी चर्चा पूरे क्षेत्र में चल रही है।

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