स्वास्थ्य

जादू है खाने में और असर है पकाने में, अपनी थाली में Negative Vibrations को शामिल न होने दें

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विराट न्यूज हेल्थ डेस्क।

 

कहते हैं जैसा खाओगे अन्न, वैसा होगा मन। हमारे बड़े बुजुर्गों ने यह कहावत ऐसे ही नहीं कही है। यह बात पूरी तरह सच भी है। खाने में यदि निगेटिव बाईब्रेशन शामिल हों तो वह भोजन हमारे लिए हितकर नहीं होता। अब आप सोचेंगे कि खाने में निगेटिव बाईब्रेशन कैसे हो सकतीं हैं, वह तो हम साफ सुथरे तरीके से पकाते हैं। तो आइए आज हम इसे विस्तार से समझने का प्रयास करते हैं।

 

 

 

कहीं आप भी तो नहीं खा रहे Negative Vibrations

कहा जाता है भोजन हमेशा प्रसन्न मन से बनाना चाहिए। यदि खाना गुस्से में बनाया गया है तो उसे सात्विक अन्न नही कहेंगे। इसलिए खाना बनाने वालों को कभी भी नाराज, परेशान स्थिति में खाना नही बनाना चाहिए। हमारे लिए खाना बनाने वालों (मां, बीवी, बहन या जो भी खाना बनाते हों) से कभी लड़ना झगड़ना या उन्हें डांटना नहीं चाहिए। क्योंकि वो रसोईघर में जाके और आपके ही खाने में गुस्से वाली Vibrations मिला केआपको ही एक घंटे में खिलाने वाले है।

 

 

 

 

Negative Vibrations वाली थाली है घातक

किसी को डांट डपट दो, उस पर गुस्सा कर दो और फिर बोलो की जाकर खाना बनाओ, अब खाना तो हाथ से बन रहा है लेकिन मन अन्दर से खिन्न है। तो मन के अंदर की सारी खिन्नता, नाराजगी निगेटिव बाईब्रेशन के रूप में आप के खाने में जा रही है। कुछ समय बाद वही निगेटिव एनर्जी वाले भोजन की थाली आप के सामने होगी। अब उस थाली में पकवान कितने भी अच्छे और पौष्टिक क़्यू न हों, पर बनाने वाले कि निगेटिव बाईब्रेशन उसमें पहुंच चुकी है।

 

 

 

 

मुख्य रूप से चार प्रकार का होता है भोजन

मुख्य रूप से भोजन चार प्रकार का होता है। पहला जो घर में मां, बहन, बेटी बनाती हैं। दूसरा जो हम घर में नौकर रखते हैं उसके हाथ का बना खाना। तीसरा जो हम होटल में जाकर खाते हैं और चौथा जो मंदिर और गुरुद्वारे में प्रसाद के रूप में पाते हैं। इन तीनों प्रकार के भोजन के प्रभाव भी अलग अलग होते हैं। अब आप कहेंगे भोजन तो वही है। वहीं दाल, सब्जी, रोटी, चावल आदि। फिर इनके प्रभाव अलग अलग कैसे हो सकते हैं। तो आगे हम एक एक कर तीनों प्रभाव के भोजन और उनकी बाईब्रेशन के बारे में पढ़ेंगे।

 

 

 

घर में मां के हाथ से बने खाने की Vibration

घर में मां, बहन, बेटी या परिवार का कोई भी सदस्य बड़े ही प्यार से अपनों के लिए खाना बनाता है। उस खाने में अपनों के लिए प्यार और सेहत की फिक्र होती है। एक बच्चा अपनी माँ को बोले कि एक रोटी और खानी है तो माँ का चेहरा ही खिल जाता है। कितनी प्यार से वो एक और रोटी बनाएगी। कि मेरे बच्चे ने रोटी तो और मांगी वो उस रोटी में बहुत ज्यादा प्यार भर देती है.

 

 

 

 

रसोईया (cook) भोजन बनाये तो Vibration

आजकल घरों में खाना बनाने के लिए नौकर (cook) रख लिए जाते हैं। वह खाना इस सोच से बनाकर दे रहे हैं कि आप खाओ और हम कमाएं। अपने खाना बनाने वाले नौकर को बोलो एक रोटी और खानी है तो, वो सोचेगा रोज 4 रोटी खाते है, आज एक और चाहिए। आज ज्यादा भूख लगी है अब मेरे लिए एक कम पडेगी, या आटा भी ख़त्म हो गया अब और आटा गुंथना पड़ेगा एक रोटी के लिए, क्या मुसीबत है। अब सोचिए ऐसी रोटी खाने से ना खाना ही भला है।

 

 

 

 

Hotel में खाना बनाने वालों के Vibration

लोग आएदिन होटलों में खाना पसंद करने लगे हैं। इसका प्रमुख कारण खाना बनाने के झंझट से मुक्ति और जीभ का स्वाद है। पर क्या आप जानते हैं होटल में खाना पकाने वालों की बाईब्रेशन क्या होती है। उनकी सोच होती है कि आप खाओ और हम कमायें। जो ज्यादा बाहर खाता है असल मे उनका रोज़ रोज़ बाहर खाना ही उसकी सारी कमाई खा जाता है। फिर होटलों में साफ सफाई का ध्यान भी घर की तरह नहीं रखा जाता। हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और वाली कहावत चरितार्थ होती है।

 

 

 

 

मंदिर और गुरूद्वारे में बने खाने की Vibration

मंदिर, गुरुद्वारा आदि धार्मिक स्थलों में जो भोजन प्रसाद बनता है उसके बारे में ज्यादा कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है। इन स्थानों पर परमात्मा को याद करके खाना बनाया जाता है। सबके पेट और आत्मतृप्ति के लिए वह भोजन पकाया जाता है। उस भोजन में परमार्थ, सेवा, सहयोग और ईश्वर के प्रति आस्था की Vibration होती हैं। वह भोजन बड़ी ही आस्था के साथ खिलाया जाता है। उसमें बनाने वाले कि आस्था भी शामिल होती है। ऐसा भोजन प्रसाद सकारात्मक Vibration से भरपूर होता है।

 

 

 

हमें घर में भोजन किस तरह पकाना चाहिए ?

घर, रसोई साफ़, मन शांत, रसोई में अच्छे गीत चलाये और उनको सुनते हुए खाना बनाये। घर में जो समस्या है उसके लिए जो समाधान है उसके बारे में परमात्मा को याद करते हुए खाना बनाये। परमात्मा को कहें यह खाना में अपने प्रियजनों के लिए पका रही हूं, इस खाने में बहुत ताकत भर दो, शांति भर दो। जिससे मेरे अपनों के मन एकदम शांत हो, ताकि उसकी सारी चिंता खत्म हो जाये। हे परमात्मा, मेरे पति को व्यवसाय में बहुत चिंता है और वो बहुत गुस्सा करते हैं, इस खाने में ऐसी शक्ति भरो, कि उनका मन शांत हो जाये।

 

 

 

 

 

 

 

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