डेढ़ साल में इकलौते पुत्र व पति को खोकर बेसहारा हुई रती, नहीं थम रहे आंसू
नेहा वर्मा, संपादक ।
हमीरपुर जनपद के राठ क्षेत्र में बुधवार दोपहर कुदरत के कहर से तीन जिंदगियां काल के गाल में समा गयीं थीं। मरने वालों में दो राठ क्षेत्र के व एक युवती मौदहा तहसील क्षेत्र की है। मझगवां थाने के बरुआ गांव निवासी काशीप्रसाद कुशवाहा (65) की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गयी थी। गुरुवार को चार लाख की सहायता की पर्ची लेकर पहुंचे एसडीएम को देख मृतक की पत्नी रती फफक कर रो पड़ी। यह मंजर देख अधिकारियों की आंखें भी नम हो गईं।
मझगवां थाने के बरुआ गांव की रती का पूरा संसार बिखर चुका है। घर में इस वृद्धा के साथ तीन मासूम बच्चियां ही बचीं हैं। रती ने रोते बिलखते हुए बताया डेढ़ साल तक उसका भी हंसता खेलता परिवार था। पति काशीप्रसाद के नाम पर चार बीघा जमीन है। काशीप्रसाद अपने इकलौते पुत्र देवदत्त के साथ खेती कर परिवार का भरण पोषण करते थे। पुत्री संपत विवाह के बाद अपनी ससुराल चली गई। वहीं पुत्र का विवाह कर बहू घर लाए।
देवदत्त की तीन संतानें नेहा (8), साक्षी (3) व काजल (2) हुईं। डेढ़ साल पहले हंसते खेलते परिवार में उस वक्त गम की चादर छा गई जब इकलौते पुत्र देवदत्त की दुर्घटना में मौत हो गई थी। पुत्र की मौत के बाद काशीप्रसाद ने खुद को संभालते हुए परिवार को नहीं टूटने दिया। दूसरी चोट तब लगी जब दो माह पहले उनकी बहू अपनी मासूम बेटियों को छोड़ कर कहीं चली गई। तीन बच्चियों के पालन पोषण की जिम्मेदारी वृद्ध दंपति पर थी। बुधवार को खेत में बकरियां चराते वक्त आकाशीय बिजली गिरने से काशीप्रसाद की मौत हो गई।
बेटे के बाद पति को खोकर रति पूरी तरह से टूट चुकी है। गुरुवार दोपहर एसडीएम पवन प्रकाश पाठक व लेखपाल सुरेश यादव ने सहायता राशि की स्लिप देते हुए ढांढस बंधाया। एसडीएम पवन प्रकाश पाठक ने बताया गुरुवार दोपहर काशीप्रसाद की बेवा रती व मुन्नालाल की मां संतोष रानी के बैंक खातों में 4-4 लाख रुपये की राशि पहुंचा दी गई। एसडीएम व लेखपाल ने पीड़ित परिवारों से मिल कर ढांढस बंधाया।