पापा, आपसे हाथ जोड़कर विनती है..– पढ़िए रचना का वो आखिरी स्टेटस जिसने पूरे गांव को रुला दिया
Rachna Suicide Note: हमीरपुर की 20 वर्षीय रचना ने आत्महत्या से पहले एक भावुक सुसाइड नोट लिखा — “पापा, किसी को मत फंसाना, मैं खुद से परेशान हूं”। पढ़िए उसका अंतिम संदेश, जो पूरे समाज को झकझोर देता है।
नेहा वर्मा, संपादक, विराट न्यूज नेशन।
सुसाइड नोट जो हर दिल को झकझोर देगा
“मेरे प्यारे पापा, आपसे हाथ जोड़कर विनती है… अगर आपने किसी को फंसाया तो मैं आपको कभी माफ नहीं करूंगी। सॉरी मम्मी-पापा…”
एक 20 वर्षीय लड़की, जिसे समाज बेटी कहता है, जिसने बचपन से लेकर अपनी शादी तक के सपने देखे थे — आज वह नीम के पेड़ से फंदे पर झूलती मिली।
नाम था रचना। एक पिता की लाड़ली, एक मां की उम्मीद और एक सगाईशुदा लड़की — जिसने अपनी जिंदगी खत्म करने से पहले एक ऐसा सुसाइड नोट लिखा, जो पत्थर दिल को भी पिघला दे।
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Rachna Suicide Note: कहां की घटना है?
यह दिल दहला देने वाली घटना उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के राठ कोतवाली क्षेत्र के औंता गांव की है।
यहां के निवासी भारत सिंह राजपूत की 20 वर्षीय बेटी रचना ने शनिवार को अपने घर से कुछ दूर खेत में नीम के पेड़ पर दुपट्टे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
सुसाइड नोट में क्या लिखा था?
रचना ने जो आखिरी चिट्ठी छोड़ी, वह सिर्फ एक कागज नहीं थी, बल्कि उसके मन की चीख थी, जो शायद कभी किसी ने नहीं सुनी।
“मैं आत्महत्या करने जा रही हूं। इसमें किसी को कुछ कहने की जरूरत नहीं है। मैं खुद करना चाहती हूं।”
“मेरे प्यारे पापा, आप किसी को मत फंसाना, क्योंकि मैं खुद अपने आप से परेशान हूं। मुझसे किसी ने कुछ नहीं कहा।”
“मेरे मरने के बाद मेरे ससुराल वालों को मत फंसाना। मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती करती हूं।”
“अगर आपने किसी को फंसाया तो मैं आपको कभी माफ नहीं करूंगी। सॉरी मम्मी-पापा…”
यह सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। हालांकि विराट न्यूज नेशन इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं करता, लेकिन इसकी भावनात्मक गहराई हर पाठक को अंदर तक तोड़ देती है।
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मानसिक दबाव था या सामाजिक चुप्पी?
रचना ने यह साफ कर दिया कि वह किसी से नाराज़ नहीं थी, किसी ने उस पर अत्याचार नहीं किया।
“मैं खुद से परेशान हूं” — इस एक पंक्ति ने शायद हमारे समाज की मानसिक स्वास्थ्य के प्रति उदासीनता को उजागर कर दिया।
क्या हम अब भी मानसिक परेशानियों को ‘बहाना’ समझते रहेंगे?
क्या अब भी हम यह मानते रहेंगे कि जो मुस्कराता है, वो दुखी नहीं होता?
Rachna Suicide Note: पापा की वो बेटी
रचना के पिता भारत सिंह राजपूत ने बताया कि बेटी की शादी तय हो चुकी थी, और सब तैयारियां हो रही थीं।
पर ये कौन जानता था कि उस बेटी के भीतर एक तूफान चल रहा था, जो चुपचाप उसे अंदर से तोड़ रहा था?
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क्या कहता है कानून और विशेषज्ञ?
भारत में हर 40 सेकंड में एक आत्महत्या होती है।
अधिकतर मामलों में पीड़ित मदद नहीं मांगते, या समाज उन्हें सुनता नहीं।
विशेषज्ञों का मानना है कि आत्महत्या से पहले के संकेत मौजूद होते हैं — लेकिन परिवार और समाज अक्सर उन्हें नजरअंदाज कर देता है।
Rachna Suicide Note: हाथ बढ़ाइए – जान बचाइए
यदि आप या आपका कोई परिचित अवसाद, मानसिक तनाव, या आत्महत्या जैसे विचारों से जूझ रहा है, तो तुरंत मदद लें:
iCall हेल्पलाइन (TISS मुंबई): https://icallhelpline.org
NIMHANS 24×7 हेल्पलाइन: 080-46110007
भारत सरकार मानसिक स्वास्थ्य सहायता: 9152987821
संबंधित लिंक
WHO – आत्महत्या की रोकथाम गाइडलाइन
Mental Health India (MHA Portal)
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एक आखिरी अपील – किसी रचना को खोने से पहले उसकी चुप्पी को सुनना सीखें
रचना तो चली गई, लेकिन अपने शब्दों से एक सवाल छोड़ गई —
क्या हम अपनों की ‘मुस्कान के पीछे छिपे दर्द’ को पहचान सकते हैं?