विश्व गुरु बने अब भारत यही हमारा सपना है- रचनाकार देवराज दीक्षित
देवराज दीक्षित , लोकतंत्र सैनानी (रचनाकार)
विश्व गुरू बने अब भारत, यही हमारा है सपना।
विश्व क्षितिज पर फहर रहा है, अब भगवा ध्वज अपना।।
अखंड भारत का लक्ष्य हो पूरा, यह प्रयास है अपना।
चमक उठेगी हिंदू संस्कृति, देर नहीं अब प्रण अपना।।
हिंदू विरोधी संभल जाओ, अब कहीं तुम्हारी खैर नहीं।
हिंदू संस्कृति दुनियां भर में, निर्विघ्न होकर फैल रही।।
हिंदू नायक नरेंद्र मोदी का यश, दुनियां भर में फैल रहा।
सारा जग गुणगान कर रहा, भारत मां की जय बोल रहा।।
अरे पड़ोसी मर जाओगे, देख कर भारत का गौरव।
चूर चूर होगा मद तेरा, तेरे लिए बना है रौरव।।
विकास की नदियां यहां प्रवाहित, तुम दाने दाने को मोहताज हो।
विनाश का समय नजदीक तुम्हारा, अब इसके लिए तैयार रहो।।
हम जो कहते हैं वह करते हैं, उल्टी गिनती शुरू तुम्हारी।
आसेतु हिमांचल भारत अपना, क्या अब है औकात तुम्हारी।।
स्वर्णाक्षरों में इतिहास लिखेगा, यही है भारत का सपना।
जय जय भारत राष्ट्र हमारा, पूरा होगा अब सपना।।
वंदे मातरम्, जय भारत, वंदे मातरम्………
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चलो देश का भाग्य जगावें-
चलो देश का भाग्य जगावें,
जन जन अमृतकाल मनावें।
दासता की जंजीरें टूटीं,
भारत उनसे मुक्त हो गया।
सपने सब साकार हो गए,
विश्व क्षितिज पर भगवा फहराएं।। चलो देश का भाग्य…
सर्वमान्य जग में मोदी जी,
गरज रहा बुलडोजर योगी।
पाक परस्तों सावधान अब,
फूंक फूंक कर कदम बढ़ावें।। चलो देश का भाग्य…
मिलजुल कर सब रहना सीखो,
सबको गले लगाना सीखो।
सबका साथ सबका विश्वास,
भारत को सब स्वच्छ बनावें।। चलो देश का भाग्य….
विजय पर्व अब मने देश में,
हर क्षेत्र में विजयी बना है भारत।
दीप मालिका से हर घर जगमग,
ऐसी दीपावली मनावें।।
चलो देश का भाग्य जगावें,
जन जन अमृतकाल मनावं।।
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