उत्तर प्रदेशराज्यहमीरपुर

चिट्ठी न कोई संदेश…और फेसबुक स्टोरी में खुद को दे दी श्रद्धांजलि, फिर निगल लिया जहर

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Facebook story suicide: राठ में 22 साल का एक युवक खुद की मौत को ऐसे सजा गया जैसे किसी और को विदा कर रहा हो। पहले तो किसी को कुछ समझ न आया। जब तक लोगों को समझ आया था तब तक बहुत देर हो चुकी थी। यह नौजवान दुनियां को अलविदा कह गया।

 

 

 

नेहा वर्मा, संपादक, विराट न्यूज नेशन।

“चिट्ठी न कोई संदेश… और नरेश चला गया हमेशा के लिए”

Hamirpur News: बृहस्पतिवार को जब राठ के नरेश कुशवाहा की फेसबुक स्टोरी पर उनकी तस्वीर के साथ मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ में बजता गाना “चिट्ठी न कोई संदेश, जाने वो कौन सा देश… जहां तुम चले गए” दिखा, तो किसी को अंदाजा भी नहीं था कि यह स्टोरी उनकी अंतिम विदाई बन चुकी है।

 

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मौत से पहले स्टोरी में छिपा दर्द

रात के अंधेरे में नरेश ने जहर खा लिया। फिर अपनी फेसबुक आईडी पर अपनी तस्वीर के साथ वो गाना लगा दिया जिसे अक्सर लोग किसी की मृत्यु पर श्रद्धांजलि में लगाते हैं। लेकिन नरेश ने खुद को ही श्रद्धांजलि दे दी…
सुबह जब लोगों ने स्टोरी देखी तो दिल दहल उठा। उन्हें फोन किया गया, लेकिन जब घरवालों ने कमरे में झाँका तो वहां एक बेजान होता शरीर पड़ा था।

अस्पताल ले जाया गया, लेकिन…

परिजन तुरंत उसे नजदीकी सीएचसी ले गए, जहाँ से हालत गंभीर होने पर झांसी रेफर कर दिया गया। लेकिन रात में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मौत के बाद हर कोई बस एक ही सवाल पूछता रहा – “आखिर क्यों?”

 

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Facebook story suicide कौन था नरेश?

नरेश कुशवाहा, पठानपुरा मोहल्ले का रहने वाला और जनसेवा केंद्र चलाता था। परिवार में वह अभी अविवाहित था। भाई अजय ने बताया कि नरेश किसी बात को लेकर परेशान नहीं दिखता था। ना कोई झगड़ा, ना कोई आर्थिक दिक्कत।
परिवार यह नहीं समझ पा रहा कि उसने यह खौफनाक कदम क्यों उठाया।

 

खुद को दी श्रद्धांजलि

यह घटना उन अनगिनत मामलों में से एक बन गई है, जहां कोई अंदर ही अंदर टूटता रहा और दुनिया को मुस्कान दिखाता रहा।
लेकिन नरेश ने जब “चिट्ठी न कोई संदेश” वाला गाना लगाकर फेसबुक स्टोरी डाली, तो उसने खुद के मरने की पटकथा खुद ही लिख दी।
उसने दुनिया को बिना बताये खुद को अलविदा कह दिया।

 

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सामाजिक संकेत या मानसिक वेदना?

इस घटना ने फिर से एक बार सवाल उठाया है –
क्या हम अपनों की तकलीफ समझ पा रहे हैं? क्या सोशल मीडिया की स्टोरीज़ महज टाइमपास हैं या किसी की आवाज़ बन चुकी हैं?
इससे पहले भी कई युवाओं ने आत्महत्या से पहले इंस्टाग्राम रील या फेसबुक पोस्ट के ज़रिए अपना दर्द बताया है। ऐसी ही एक घटना नोएडा में भी सामने आई थी।

एक सवाल छोड़ गया नरेश

नरेश चला गया, लेकिन छोड़ गया एक मौन प्रश्न – क्या हम अपनों को सुन पा रहे हैं?
क्या हम सिर्फ स्टोरी (Facebook story suicide) देख रहे हैं या उसे समझने की कोशिश कर रहे हैं?

जरूरी है बात करना, जरूरी है सुनना

अगर आपके आसपास कोई उदास, शांत या खुद से अलग सा लग रहा है – तो बस एक बार उससे खुलकर बात कीजिए।
शायद आप किसी की जान बचा लें।

 

संपादकीय सुझाव:
यदि आप या आपके परिचित मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं, तो कृपया राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन – 1800-599-0019 पर संपर्क करें।

 

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