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dj sound noise pollution: डीजे- खुशी या परेशानी, जानिए DJ साउंड नियम, दुष्प्रभाव और समाधान

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dj sound noise pollution: तेज आवाज में डीजे बजाना – एक खुशी या परेशानी?

 

नेहा वर्मा, संपादक, विराट न्यूज नेशन ।

 

dj sound noise pollution: भारतीय शादियों, जन्मदिन और त्योहारों में डीजे बजाना परंपरा बन चुका है। हालांकि, जब यह मनोरंजन 85 डेसीबल से ऊपर पहुंचता है, तब यह noise pollution from DJ यानी ध्वनि प्रदूषण बन जाता है। कई बार लोगों को समझ नहीं आता कि तेज आवाज में डीजे के नुकसान कितने गंभीर हो सकते हैं।

 

 

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तेज आवाज के नुकसान – डीजे से ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभाव

  1. शारीरिक नुकसान (loud music effects):
    • 85 डेसीबल से ऊपर की आवाज से कानों को स्थायी नुकसान हो सकता है।
    • सिरदर्द, चक्कर आना, अनिद्रा और मानसिक तनाव बढ़ता है।
  2. बच्चों और बुजुर्गों पर असर:
    • तेज डीजे की आवाज से नवजात और बुजुर्गों को चिड़चिड़ापन व घबराहट होती है।
    • मानसिक रोगी और उच्च रक्तचाप वाले मरीजों की स्थिति बिगड़ सकती है।
  3. पशु-पक्षियों पर प्रभाव:
    • शादी में डीजे के नियम इसीलिए बनाए गए हैं ताकि जानवरों और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।

 

 

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डीजे साउंड नियम भारत में – कानून क्या कहता है?

Noise Pollution (Regulation and Control) Rules, 2000:

  • आवासीय क्षेत्रों में दिन में 55 डेसीबल और रात में 45 डेसीबल से अधिक ध्वनि की अनुमति नहीं है।
  • रात 10 बजे के बाद DJ sound ban after 10 pm लागू होता है।

सुप्रीम कोर्ट का डीजे पर आदेश (2005):

  • DJ loudspeaker law के अनुसार, रात 10 बजे के बाद कोई भी डीजे, पटाखे या म्यूजिक सिस्टम बजाना प्रतिबंधित है।
  • नियम तोड़ने पर पुलिस DJ sound complaint number के आधार पर तुरंत कार्रवाई कर सकती है।

NGT (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) का निर्देश:

  • NGT के निर्देश के अनुसार, आयोजकों को डीजे की पूर्व अनुमति लेनी होती है और साउंड लिमिटर का प्रयोग करना जरूरी है।

Sources for reference:

 

 

सावधानियां और समाधान – DJ से शांति कैसे बनाए रखें?

  1. पुलिस से अनुमति लेना जरूरी है (DJ sound permission rules)।
  2. साउंड लिमिटर और डेसिबल मीटर का प्रयोग करें।
  3. 10 बजे के बाद डीजे पूरी तरह बंद करें – DJ sound ban after 10 pm का पालन करें।
  4. स्थानीय निवासियों को पहले सूचित करें ताकि किसी को असुविधा न हो।
  5. लोगों को जागरूक करें कि तेज आवाज सिर्फ मस्ती नहीं, परेशानी बन सकती है।

जिम्मेदारी से मनाएं खुशियां

dj sound noise pollution: हमारे उत्सव किसी और की परेशानी न बनें – यही एक जिम्मेदार नागरिक की पहचान है। डीजे साउंड नियम भारत में इसी उद्देश्य से बनाए गए हैं ताकि हम ध्वनि प्रदूषण से बचें और सामाजिक सामंजस्य बना रहे।

 

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