उत्तर प्रदेशराज्यहमीरपुर

अब किसे मां कहेगी यह बेटी: नवजात को दुनिया में लाकर खुद चली गई मां, ‘भगवान’ पर गंभीर आरोप

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Death after childbirth negligence: दुनिया में कदम रखे उसे अभी 24 घंटे भी नहीं हुए थे। न नाम मिला, न माँ की गोद का सुकून। इससे पहले कि वह माँ की ममता को महसूस कर पाती, उस पर अनहोनी की परछाईं पड़ गई। एक नवजात बेटी ने जन्म लिया, लेकिन उसकी माँ निधि ने ज़िंदगी को अलविदा कह दिया। अब यह मासूम किसे “माँ” कहेगी?

नेहा वर्मा, संपादक, विराट न्यूज नेशन।

अनसुनी कर दी परिजनों की गुहार

हमीरपुर जिले के गोहांड कस्बा निवासी अनिल कुमार ने बताया कि गुरुवार को पत्नी निधि कुमारी (22) को प्रसव पीड़ा होने पर राठ के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सुबह 11 बजे ऑपरेशन से बच्ची का जन्म हुआ, लेकिन ऑपरेशन के बाद निधि की हालत बिगड़ने लगी।

परिजनों का कहना है कि उन्होंने कई बार मरीज को बाहर रेफर करने की गुहार लगाई, लेकिन अस्पताल स्टाफ और डॉक्टरों ने ध्यान नहीं दिया। शुक्रवार शाम 6:45 बजे निधि की मौत हो गई।

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Death after childbirth negligence: 24 घंटे की बच्ची अब अनाथ

जिस माँ ने नौ महीने अपनी कोख में पालकर इस बच्ची को जन्म दिया, उसे छूने तक का समय नसीब नहीं हुआ।
माँ की ममता क्या होती है, शायद यह बच्ची कभी महसूस न कर सके।

डॉक्टर या भगवान? सवालों के घेरे में है भूमिका

जिस डॉक्टर को समाज “भगवान” कहता है, उसी पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।
परिवार का आरोप है कि यदि समय रहते निधि को बेहतर इलाज मिलता, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।

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कानूनी पहलू: Medical Negligence के क्या हैं नियम?

भारतीय कानून के तहत, यदि किसी डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की मौत होती है तो IPC की धारा 304A के तहत मामला दर्ज हो सकता है।
जानिए मेडिकल नेग्लिजेंस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले (Indian Kanoon लिंक)।

Death after childbirth negligence मामले से स्वास्थ्य सेवाओं पर उठते सवाल

यह कोई पहला मामला नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइवेट अस्पतालों की जवाबदेही लगातार संदेह के घेरे में है। सवाल यह है कि क्या इस बच्ची को इंसाफ मिलेगा? क्या डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी?

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समाज की जिम्मेदारी भी जरूरी

इस घटना ने एक परिवार उजाड़ दिया, एक नवजात को माँ से वंचित कर दिया। हमें मिलकर ऐसे सिस्टम और संस्थानों पर निगरानी रखनी होगी, जहां मुनाफा ज़िंदगी से बड़ा बन चुका है।

अपनी शिकायत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) या राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) में दर्ज कराएं।

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