सज गया मंडप, बजे बैंड-बाजे… लेकिन नहीं पहुंचे दूल्हा-दुल्हन, वजह जानकर उड़ जाएंगे होश
Bride Married Secretly: यूपी के राठ में एक शादी समारोह में मेहमानों ने घंटों इंतजार किया लेकिन दूल्हा-दुल्हन पहुंचे ही नहीं। अधिवक्ता ने लगाया पत्नी की दूसरी शादी का गंभीर आरोप।
मंडप सजा, बैंड-बाजा बजा… पर दूल्हा-दुल्हन का कोई अता-पता नहीं!
राठ कस्बे में सोमवार रात एक विवाह समारोह में जब शादी का मंडप पूरी तरह सजा, मेहमानों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और खाना भी परोसा जाने लगा, तब तक किसी को अंदाज़ा नहीं था कि यह विवाह एक ड्रामे में तब्दील हो जाएगा।
दरअसल, ये शादी विवादों में तब आ गई जब अधिवक्ता अवध नरेश श्रीवास ने आरोप लगाया कि यह विवाह उनकी विधिवत पत्नी की दूसरी शादी है, जो गुपचुप तरीके से कराई जा रही है।
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Bride Married Secretly: कौन है यह दुल्हन? चौंकाने वाला दावा
अवध नरेश श्रीवास का कहना है कि उनकी शादी 23 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत संपन्न हुई थी।
CM सामूहिक विवाह योजना क्या है, जानें विस्तार से
शादी के बाद ससुरालियों ने उनकी पत्नी को यह कहकर नहीं भेजा कि “बाद में धूमधाम से विदा करेंगे”। इसके बाद 2 जून को पुनः शादी की तारीख तय की गई।
लेकिन 19 मई को अवध नरेश के हाथ एक ऐसा शादी का कार्ड लगा, जिसने उनके होश उड़ा दिए — कार्ड में उनकी पत्नी का नाम तो था, लेकिन दूल्हा कोई और था!
प्रशासन से गुहार, पर नहीं मिली मदद?
अधिवक्ता अवध नरेश ने यह मामला सीओ ऑफिस में उठाया और स्थानीय प्रशासन से मदद की गुहार लगाई कि इस विवाह को रोका जाए, क्योंकि यह द्विविवाह (Bigamy) का मामला बनता है।
IPC की धारा 494: पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी अपराध
इसके बावजूद, विवाह स्थल पर तैयारियां तो हुईं लेकिन दूल्हा और दुल्हन का कहीं कोई नामोनिशान नहीं था।
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Bride Married Secretly: क्या गुप्त रूप से हुआ विवाह?
अवध नरेश का दावा है कि आधी रात तक कार्यक्रम स्थल पर खाना चलता रहा, लोग आते-जाते रहे, लेकिन दूल्हा-दुल्हन नहीं दिखे।
वह मानते हैं कि उनकी पत्नी की दूसरी शादी गुपचुप तरीके से किसी अन्य स्थान पर करा दी गई है, ताकि मामला कानून से बच सके।
क्या कहते हैं कानूनी जानकार?
कानूनी जानकारों का कहना है कि यदि यह साबित हो जाए कि पहली शादी वैध रूप से हुई थी, और फिर पत्नी ने दूसरी शादी की है, तो यह भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के तहत दंडनीय अपराध है। दोषी पाए जाने पर 7 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।
Bigamy under Indian Law: Detailed Explanation
Bride Married Secretly: प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिवक्ता की शिकायत के बावजूद यदि प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो यह घटना रोकी जा सकती थी।
इस पूरे प्रकरण ने न केवल सीएम सामूहिक विवाह योजना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में वैवाहिक धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों की तरफ भी ध्यान खींचा है।
- यह मामला सिर्फ एक शादी या घरेलू विवाद का नहीं, बल्कि कानून और नैतिकता के टकराव का है।
- अगर ये आरोप सच हैं, तो यह समाज और कानून दोनों के लिए चिंताजनक संकेत हैं।
- उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रशासन निष्पक्ष जांच करके दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगा।
क्या आपके आसपास भी ऐसे ही गुप्त विवाह या वैवाहिक धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं? हमें कमेंट में जरूर बताएं।