जिस बेटी का कर दिया अंतिम संस्कार, वो 10 दिन बाद मिली जिंदा – हमीरपुर में चौंकाने वाला मामला
Bundelkhand Expressway dead body case; हमीरपुर में अजीबो-गरीब मामला सामने आया, जहां एक युवती का अंतिम संस्कार हो गया और वही युवती 10 दिन बाद जिंदा बरामद हुई। पुलिस के सामने अब असली शव की पहचान सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।
नेहा वर्मा, संपादक, विराट न्यूज नेशन।
Hamirpur News: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पुलिस, परिजनों और गांववालों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। एक पिता ने जिस शव को अपनी बेटी समझकर अंतिम संस्कार किया, वही बेटी 10 दिन बाद सकुशल मिल गई। अब पुलिस के सामने सवाल खड़ा है कि फिर वह शव किसका था?
कैसे सामने आया मामला?
7 जून को जरिया थाना क्षेत्र के बीरा कछवा लिंक मार्ग के पास बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के नीचे एक अज्ञात युवती का शव बरामद हुआ था। अगले ही दिन मुस्करा थाना क्षेत्र के बिहूनी गांव निवासी एक व्यक्ति ने शव की पहचान अपनी 17 वर्षीय लापता बेटी के रूप में की। शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंपा गया और हिंदू रीति-रिवाजों से अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।
हत्या का मुकदमा भी दर्ज
परिजनों ने बेटी के कथित अपहरण और हत्या का आरोप गांव के ही दो युवकों पर लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया। 9 जून को एफआईआर दर्ज होते ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी और आरोपियों की गिरफ्तारी की कवायद शुरू कर दी।
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जांच में आया चौंकाने वाला मोड़
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, पुलिस को मामला संदिग्ध लगने लगा। जरिया थाना प्रभारी की निगरानी में जब गहन जांच की गई तो एक बड़ा खुलासा हुआ। वही किशोरी, जिसे मृत मानकर अंतिम संस्कार कर दिया गया था, गोहांड तिराहे से जिंदा बरामद कर ली गई।
अब असली सवाल – फिर वह शव किसका था?
किशोरी के पिता ने खुद उसकी शिनाख्त की थी और अंतिम संस्कार भी किया था। अब जब बेटी जिंदा मिल गई है, तो पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि फिर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के नीचे मिला शव किसका था? वह युवती कौन थी? किसने उसकी हत्या की और क्यों?
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पुलिस की प्रतिक्रिया
Bundelkhand Expressway dead body case में जरिया थाना अध्यक्ष ने बताया कि शुरुआती जांच के आधार पर शव की पहचान मृतक के वस्त्र, कद-काठी और चेहरे के आधार पर की गई थी। लेकिन अब जब असल किशोरी मिल गई है, तो पूरा मामला उलझ गया है। किशोरी को मेडिकल परीक्षण और बयान के लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
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हमीरपुर जिले में सामने आया यह मामला न केवल पुलिस की जांच प्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि उन मां पिता पर भी सवालिया निशान लगाता है जिन्होंने अपनी ही बेटी को पहचानने में भूल की। अब पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि असली मृतका की पहचान की जाए और उसके हत्यारे को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाए।