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हमीरपुर; नरम पड़े भारतीय किसान यूनियन के तेवर, चक्का जाम कार्यक्रम किया स्थगित

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नेहा वर्मा, संपादक ।

 

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन डेढ़ माह से भी अधिक समय से विभिन्न विरोध प्रदर्शनों में शामिल हो रही है। हमीरपुर जनपद में भी किसान यूनियन द्वारा धरना प्रदर्शन किए जा रहे हैं। यूनियन द्वारा मंगलवार को चक्का जाम की चेतावनी देकर अपने तीखे तेवर दिखा दिए थे । हालांकि यूनियन एक दिन में ही अपने तेवर नरम करते हुए चक्का जाम के निर्णय से पीछे हट गयीं। केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर चक्का जाम को स्थगित करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित 7 सूत्रीय मांगपत्र राठ एसडीएम अशोक यादव को सौंपा है।

 

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भारतीय किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष राम प्रकाश बाबू ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना काल में बिना बहस कराए तीन कृषि कानून लोकसभा व राज्यसभा में पास करा लिए हैं। यह तीनों कानून किसानों सहित छोटे व्यापारियों व नागरिकों के लिए घातक हैं। सरकार द्वारा जनता को गुलाम बनाने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। युवा जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह बंगरा ने कहा कि इन कानूनों के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष कर रहे किसानों में से 170 अभी तक शहीद हो चुके हैं। फिर भी कुछ पूंजीपतियों के दबाव में केंद्र सरकार संवेदनहीन बनी हुई है।

 

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ज्ञापन में तीनों कृषि कानून रद्द करने, आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लेने, आंदोलन में शहीद हुए किसानों के आश्रितों को आर्थिक सहायता देने, बढ़ी हुईं बिजली दरें वापस लेने, समर्थन मूल्य को कानून बनाने, पराली जलाने के नाम पर किसानों का उत्पीड़न बंद करने व गोवंश को व्यवस्थित करने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में रामसनेही राजपूत एड, कमलापत राजपूत चिल्ली, नंदलाल लोधी औंता, अयोध्याप्रसाद बंगरा, छंगा प्रसाद, जगदीश, जाहर, रामप्रकाश धमना, जवाहरलाल कैंथा आदि किसान शामिल रहे।

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