उत्तराखंड; ऋषिगंगा जल प्रलय, 26 शव मिले, 200 से ज्यादा लोग अभी भी लापता, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
नेहा वर्मा, संपादक ।
उत्तराखंड के चमौली जनपद में रविवार को कुदरत का कहर टूट पड़ा। जिसने भारी तबाही मचाई है। रेणी गांव के पास नीती घाटी में रविवार सुबह करीब 9.15 बजे ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट कर ऋषिगंगा नदी में गिरने से भीषण बाढ़ आ गयी। जिसमें नदी पर निर्मित 13 मेगावाट की ऋषिगंगा जल विद्धुत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गयी वहीं एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन- विष्णुगॉड जल विद्दयुत परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है। इस प्राकृतिक कहर का दोनों परियोजनाओं में काम कर रहे करीब डेढ़ सैकड़ा श्रमिकों सहित स्थानीय शिकार बने हैं। सैकड़ों लोगों के जलप्रलय में बह जाने की सूचना है। शासन प्रशासन राहत व बचाव कार्य मे जुटा हुआ है
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अब तक के राहत व बचाव कार्य मे चमौली जिला पुलिस ने 26 लोगों के शव मिलने की पुष्टि की है। करीब 200 से अधिक लोग लापता हैं। वहीं पांच लोग किसी तरह मौत को चकमा देते हुए वापस लौट आये हैं। सुरंगों से मलवा हटाया जा रहा है। जिनमें बहुत से लोगों के फंसे होने की आसंका है। सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ व आईटीबीपी की टीमें जिला प्रशासन के साथ राहत व बचाव कार्य में लगीं हुईं हैं। इस आपदा से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। इस हादसे में जान गंवाने वालों के आश्रितों को केंद्र सरकार दो लाख व राज्य सरकार चार लाख रुपयों की मदद देगी। इस घटना पर विश्व भर के नेताओं ने शोक जताया है। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने आवश्यकता के अनुरूप मदद करने की पेशकश की है। ऋषिगंगा का विकराल रूप देख कर ग्रामीणों में दहशत है। जुग्गु, रैणी वल्ला व रैणी पल्ला गांव में उस कदर दहशत है कि ग्रामीण परिवारों सहित टैंट में रात बिता रहे हैं।